अक्षय तृतीया के दिन न करे ये काम, जानिए क्या है महत्व

पूजा विधि अक्षय तृतीया के दिन सुबह उठकर तैयार होकर भगवान विष्णु को पंचामृत से स्नान कराएं. इसके बाद सत्तू या चने की दाल अर्पित करें. इसके बाद ‘दीपस्थ देवतायै नमः’ मंत्र बोलते हुए दीप जलाएं. अक्षय तृतीया के दिन तामसिक भोजन यानी कि लहसुन, प्याज, मांस या मदिरा का सेवन का सेवन नहीं करना चाहिए.

कहा जाता है कि अक्षय तृतीया काफी महत्व है. भगवान परशुराम का जन्म अक्षय तृतीया को हुआ था. परशुराम जी को भगवान विष्णु का छठा अवतार माना गया है. मान्यता ये भी है कि इसी दिन सतयुग त्रेतायुग शुरू हुआ था.

इन दिन दान करना भी काफी शुभ माना गया है, कहते हैं इस दिन पवित्र नदियों में स्नान कर दान दक्षिणा करने से अक्षय लाभ मिलता है भगवान विष्णु देवी लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख समृद्धि आती है. अक्षय तृतीया तिथि शुभ मुहूर्त अक्षय तृतीया तिथि: 14 मई 2021, शुक्रवार तृतीया तिथि प्रारंभ: 14 मई 2021 (सुबह 05:38)  तृतीया तिथि समाप्त: 15 मई 2021 (सुबह 07:59)

अक्षय तृतीया के दिन किसी के लिए कोई नाराजगी न रखें. किसी के प्रति बुरे विचार न रखें.अक्षय तृतीया के दिन बिना नहाएं तुलसी के पत्तों नहीं तोड़ना चाहिए.  आज के दिन संभव हो तो सोने का कोई सामान जरूर खरीदें. वरना कोई धातु की बनी चीज भी खरीद सकते हैं.

 अक्षय तृतीया के मां लक्ष्मी विष्णु जी की पूजा एकसाथ करें. अक्षय तृतीया के पावन पर्व के मौके पर साफ-सुथरे कपड़े पहनकर ही मां लक्ष्मी की पूजा करें.  इस दिन साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें अक्षय तृतीया का महत्व

आज यानि कि 14 मई को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जा रहा है. हिंदू पंचाग के मुताबिक, अक्षय तृतीया हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है. पौराणकि मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन दान करना काफी शुभ माना जाता है.

इस दिन दान-पुण्य अक्षय रहता है यानि वो कभी खत्म नहीं होता. वहीं अक्षय तृतीया के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से धन-धान्य के साथ सभी सुखों की प्राप्ति होती है. भक्तों पर माता लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती हैं. इसके अलावा अक्षय तृतीया के दिन मां लक्ष्मी की आरती चालीसा का भी विशेष महत्व है.