कोरोना होने पर गलती से भी न करे ये काम, ICMR ने जारी की चेतावनी

महाराष्ट्र में मंगलवार को 48,700 केस आये. काफी दिनों के बाद यहां आंकड़ा 50 हजार से नीचे पहुंचा है. इससे एक दिन पहले, सोमवार को 66,191 केस सामने आये थे.

वहीं, दिल्ली में भी 20 हजार के करीब केस दर्ज किये गये. हाल के दिनों में यहां औसतन 25 हजार केस आ रहे थे. इसके पीछे लॉकडाउन और अन्य पाबंदियां मानी जा रही हैं.

आइसीएमआर ने कहा है कि हृदय रोगियों के लिए खतरनाक मानी जाने वाली आइब्रूफन जैसी कुछ दर्दनिवारक दवाएं कोविड-19 के लक्षणों को गंभीर कर सकती हैं. इनसे गुर्दे के खराब होने का जोखिम बढ़ सकता है.

इसने सलाह दी कि ‘नॉन स्टीरॉयड एंटी इन्फ्लेमेटरी’ दवाएं लेने की जगह बीमारी के दौरान जरूरत पड़ने पर पैरासीटामोल दवा ली जानी चाहिए.

हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और हार्ट पेशेंट को लेकर अक्सर पूछे जाने वाले सवालों को सूचीबद्ध करते हुए आइसीएमआर ने कहा कि अभी ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि हाई ब्लड प्रेशर, डायबीटिज और कमजोर हृदय वाले कुछ लोगों को अधिक गंभीर लक्षण हो सकते हैं और उन्हें अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता है. आइसीएमआर ने कहा कि आम तौर पर अनियंत्रित डायबिटीज के रोगियों को हर संक्रमण का खतरा अधिक है.

इससे पहले, 19 अप्रैल को कोरोना के मामलों में 18 हजार से अधिक की कमी आयी थी. देश में 18 अप्रैल को 2,75,063 केस आये थे. जबकि, इसके एक दिन बाद 19 अप्रैल को मामले घटकर 2,57,003 रह गये.

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से परेशान भारत में फिर कोरोना के मामले में बढोतरी हुई है. वहीं पिछले 24 घंटे में देश में रिकॉर्ड 3, 62, 770 मामले सामने आए हैं.

वहीं देश में पहली बार कोरोना से मरने वालों की संख्या 3, 286 हो गयी है. दो दिन पहले कोरोना के 3,54,533 केस मिले थे, जो पिछले 24 घंटे में घटकर 3,23,144 रह गये हैं.

यानी 35 हजार से अधिक कम हुए. कोरोना के नये मामलों में कमी का एक मुख्य कारण महाराष्ट्र और दिल्ली में केस का कम आना रहा. उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और केरल जैसे राज्यों में भी संक्रमण कम हुआ है.