15 जनवरी 2023 तक न करे तांबे के बर्तन में रखे भोजन या पानी का सेवन सेहत पर पड़ेगा बुरा असर

ज्‍योतिष के अनुसार ग्रहों के राजा सूर्य हर महीने राशि परिवर्तन करते हैं. सूर्य का राशि गोचर संक्रांति कहलाता है. दिसंबर महीने में जब सूर्य गोचर करके धनु राशि में प्रवेश करते हैं, इसे धनु संक्रांति कहते हैं. धनु संक्रांति के दिन से ही खरमास या मलमास शुरू हो जाता है. इसके 1 महीने बाद सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, जिसे मकर संक्रांति कहा जाता है. खरमास के इस एक महीने के समय को शुभ और मांगलिक कार्यों के लिए वर्जित माना गया है. इस साल खरमास 16 दिसंबर 2022 से शुरू होगा.

हिंदू पंचांग और ज्‍योतिष के अनुसार सूर्य 16 दिसंबर को धनु राशि में गोचर करेंगे और इसके साथ ही खरमास शुरू हो जाएगा. वहीं 14 जनवरी की देर रात सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे. लेकिन उदयातिथि के अनुसार मकर संक्रांति 15 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी. इसी के साथ खरमास खत्‍म हो जाएगा. साथ ही सभी शुभ कार्य एक बार फिर शुरू हो जाएंगे.

– धर्म-शास्त्रों के अनुसार खरमास का महीना बहुत पवित्र महीना होता है. इस महीने में तामसिक भोजन जैसे- लहसुन-प्‍याज, नॉनवेज और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए. इस पूरे महीने शाकाहारी भोजन ही करें.

– खरमास का महीना केवल पूजा-पाठ का महीना है. इस महीने में कोई भी शुभ कार्य जैसे- विवाह, मुंडन, गृहप्रवेश, नए काम की शुरुआत आदि नहीं करना चाहिए. इस महीने में किए गए शुभ काम भी अशुभ फल देते हैं. इसलिए इस महीने में ये काम करने से बचना चाहिए.

– खरमास के दौरान तांबे के बर्तन में रखे भोजन या पानी का सेवन नहीं करना चाहिए. ये सेहतपर बुरा असर डालता है.

– खरमास में नया घर खरीदने या घर का निर्माण कार्य शुरू करने की भी मनाही की गई है. कहा जाता है कि इस समय में खरीदे या बनाए गए घर में रहने से जीवन में सुख-समृद्धि नहीं रहती है.

– खरमास के दौरान गाड़ी, गहनें आदि कीमती चीजें भी नहीं खरीदें. वरना ये जल्‍दी खराब हो जाती हैं, या इनके चोरी आदि होने की गुंजाइश रहती है.