दिल्‍ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन प्रोजेक्‍ट को मिली रफ्तार, पीएम मोदी ने कही ये बात

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वाराणसी दौरे के साथ एक बार फिर दिल्ली-वाराणसी वाया आगरा-लखनऊ और अयोध्या, बुलेट ट्रेन दौड़ाने की बात तेज हो गई है।

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सुनीत शर्मा ने भी इस सपने के जल्द ही सच होने के संकेत दिए। मेहंदीगंज में प्रधानमंत्री की सभा के बाद पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने वाराणसी शहर के तीनों रेलवे स्टेशनों पर विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराने की भी बात कही।

दिल्ली-वाराणसी प्रस्तावित बुलेट ट्रेन की नई परियोजना का एरियल सर्वे पूरा हो चुका है। इस समय डीपीआर बनाई जा रही है। यह परियोजना दिल्ली वाया लखनऊ-प्रयागराज होकर वाराणसी के बीच प्रस्तावित कारीडोर का ही अंग है, जिसे अयोध्या तक आगे बढ़ाने का निर्णय केंद्र सरकार ने लिया है। बताया जा रहा है कि नेशनल हाई स्पीड रेल कार्पोरेशन जल्दी ही परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट रेल मंत्रालय को सौंप देगा। यह उम्मीद जताई गई कि इस परियोजना को धरातल पर आने में सात से आठ वर्ष का समय लगेगा।

फिलहाल इस बुलेट ट्रेन परियोजना को वर्ष 2030 तक पूर्ण करने का लक्ष्य तय किया गया है। जानकारी के अनुसार अयोध्या के लिए बुलेट ट्रेन ट्रैक को नोएडा के जेवर एयरपोर्ट से जोड़ने की योजना है। जेवर में निर्माणाधीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल में ही बुलेट ट्रेन स्टेशन भी बनाने का प्रस्ताव है।

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सुनीत शर्मा ने कहा कि कैंट, बनारस और वाराणसी सिटी स्टेशन को पहले से ही विकसित किया जा रहा है, यहां यात्री सेवाओं का और विस्तार होगा। भविष्य में बनारस और कैंट स्टेशन पर अतिरिक्त सेवाएं शुरू की जा सकती हैं।

कैंट स्टेशन के सेकेंड एंट्री की ओर विस्तार के बाद यात्री सेवाओं का भी विस्तार होगा। उधर उत्तर रेलवे के अधिकारियों से कैंट स्टेशन पर हो रहे यार्ड री-माडलिंग कार्यों की जानकारी ली। यहां के अधिकारियों ने बताया कि दूसरे चरण का काम चल रहा है। तृतीय प्रवेश द्वार की दिशा में कार्य प्रगति पर है।