दिल्ली चुनाव : आचार संहिता से लगा इस नेता को बड़ा झटका, ना मिली गाड़ी और ना…

ऐन वक्त पर निजी वाहन से यात्रा करने की नौबत आने से थोरात को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा. उल्लेखनीय बात यह है कि थोरात से नए महाराष्ट्र सदन में रहने के लिए राजशिष्टाचार के अनुसार 500 रुपए शुल्क लिया गया.

 

आचारसंहिता के कारण वाहन उपलब्ध कराने से इनकार करने और निवास शुल्क राजशिष्टाचार के अनुसार लेने से सदन की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लग गया है.महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात को दिल्ली विधानसभा चुनाव की आचारसंहिता का झटका लगा है. महाराष्ट्र सदन प्रशासन ने आचारसंहिता का हवाला देते हुए उनको वाहन उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया.

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहब थोरात पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करने के लिए शुक्रवार को दिल्ली आए थे. मंत्री होने के कारण उनको सरकारी वाहन मिलना अपेक्षित था. उनसे कहा गया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव की आचारसंहिता लागू होने से उनको वाहन नहीं मिल सकता.

उसके बाद थोरात को विमानतल से महाराष्ट्र सदन, सदन से कांग्रेसस नेताओं के निवासस्थान, कार्यालय जाने के लिए निजी वाहन का उपयोग करना पड़ा. इस संदर्भ में महाराष्ट्र सदन के अधिकारी ने नई दिल्ली जिला चुनाव अधिकारी तन्वी गर्ग का पत्र दिखाया.महाराष्ट्र में राजनीतिक अस्थिरता के दौरान 20 नवंबर को पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दिल्ली आए थे.

उस समय राज्य में राष्ट्रपति शासन था. फडणवीस किसी भी संवैधानिक पद पर नहीं थे. फिर भी उनको बुलेटप्रूफ गाड़ी, मुख्यमंत्री का कक्ष और संपूर्ण राजशिष्टाचार देने की उदारता दिखाई गई थी. महाराष्ट्र सदन के वरिष्ठ अधिकारी फडणवीस का स्वागत करने के लिए दिल्ली विमानतल पर भी गए थे.

पत्र में कहा गया है कि आचारसंहिता की अवधि में ‘रेस्ट हाऊस’ का उपयोग नहीं किया जा सकता, लेकिन वाहन का उल्लेख नहीं है. पत्र के अुसार थोरात सदन के कमरे के लिए राजशिष्टाचार का लाभ नहीं ले सकते थे, लेकिन कमरा दिया गया.

पर, पत्र में वाहन का उल्लेख न होने के बावजूद वाहन नहीं दिया गया. इस विरोधाभास से थोरात क्षुब्ध हो गए. नियमों का मर्जी के अनुसार उपयोग एक अधिकारी ने दावा किया कि राजनीतिक नेताओं की गुडबुक में रहने के लिए कुछ अधिकारी नियमों का अपनी मर्जी के अनुसार उपयोग करते हैं.