दिल्ली हिंसा : घर में घुसकर भीड़ ने महिला के साथ किया ये काम, जानकर लोग हुए हैरान

उन्होंने बताया, “मैं घर पर ही थी जब भीड़ मेरे घर में घुस आई। मेरे साथ और मेरी दो बेटियों के साथ बदसलूकी की गई और भीड़ ने हमारे कपड़े फाड़ दिए।”

 

उन्होंने बताया कि भीड़ ने उनका पीछा किया लेकिन उनके एक जानकार दुकानदार अय्यूब अहमद के घर पहुंचने के बाद भीड़ गायब हो गई।

उन्होंने कहा, “जब हम अहमद के घर पहुंचे, उन्होंने हमें खाना और अन्य जरूरी चीजें दीं और बाद में हमें अल हिंद अस्पताल लेकर आए। मैं उन शरारती तत्वों की पहचान कर सकती हूं क्योंकि वे हमारी गली के ही थे।”

अहमद ने बताया कि घटना के बाद से महिलाएं सदमे में हैं। ये महिलाएं उन कई महिलाओं में से एक थीं जिन्हें हिंसा प्रभावित उत्तरपूर्व दिल्ली में सशस्त्र भीड़ के हमलों के बाद पिछले कुछ दिनों में अल हिंद अस्पातल लाया गया। सभी के पास कुछ न कुछ खौफनाक बताने के लिए है।

करावल नगर के रहने वाले 20 साल के सलमान खान मंगलवार की रात अपने घर के पास थे जब भीड़ ने उसकी पीठ पर तेजाब जैसा रसायन डाल दिया जिससे उसकी त्वचा जल गई। उसने बताया कि पुलिस रात के करीब 11 बजे उसे अस्पताल लेकर आई। निजी कंपनी में काम करने वाले अकील सैफी (30) ने बताया कि कुछ लोगों ने गोकुलपुरी में उसके साथ मारपीट की।

उसने बताया, “मैं मंगलवार रात करीब साढ़े आठ बजे दफ्तर से घर लौट रहा था जब कुछ अज्ञात लोगों ने मेरी मोटरसाइकिल रोकी और मुझे पीटना शुरू कर दिया क्योंकि उन्होंने पीछे बैठे मेरे दोस्त के सिर पर टोपी देख ली थी।

उसका नाम बिलाल है और वह दिव्यांग है।” सैफी ने बताया, “मेरे बाएं हाथ की अंगुलियां टूट गई हैं और बिलाल को हल्की-फुल्की चोटें आईं।”

उत्तरपूर्व दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा भड़कने के बाद कम से कम 39 लोगों की मौत हो चुकी है और 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। अल हिंद अस्पताल के डॉक्टर मेहराज ने कहा कि जिन घायलों की स्थिति गंभीर है उन्हें सरकारी अस्पताल में भेजा गया।

उत्तरपूर्वी दिल्ली के अल हिंद अस्पताल में 45 वर्षीय महिला दंगा भड़कने के दौरान उनके साथ हुए खौफनाक वाकये को याद कर सिहर जाती हैं।

भीड़ के उनके घर में घुस आने और उनके तथा उनकी दो बेटियों के साथ बदसलूकी की घटना को याद करते हुए वह बताती हैं, “हमने खुद को बचाने के लिए अपने-अपने शरीर पर दुपट्टा लपेटा और पहली मंजिल से कूद गए।”

बुधवार की रात का यह डरावना ख्वाब तभी खत्म हुआ जब महिलाएं जान बचाते हुए मुस्लिम बहुल गली में पहुंची। करावल नगर में एनजीओ चलाने वाली महिला की आंखों में यह बताते-बताते आंसू आ गए।