राजधानी दिल्ली के रानी झांसी रोड स्थित अनाज मंडी इलाके में एक चार मंजिला इमारत में रविवार को लगी भीषण आग में 43 लोगों की मौत हो गई. अगर फैक्ट्री में अग्नि सुरक्षा और बाहर निकलने की कोई उचित व्यवस्था होती तो शायद 43 लोगों की मौत टल सकती थी. जानिए किन वजहों से एक शॉर्ट सर्किट ने 43 लोगों की जान ले ली.
1- फैक्ट्री में जब शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी तो सभी मजदूर सो रहे थे. तड़के तकरीबन 4.30 बजे आग लगी लेकिन दमकल विभाग को करीब 5.30 बजे घटना की जानकारी मिली. जिसके बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं तो संकरी गलियों की वजह से अंदर तक जाने में काफी मशक्कत हुई. दरअसल, संकरी गलियों के साथ पूरा इलाका तारों के जाल में उलझा हुआ था.
2- फैक्ट्री की खिड़कियां काफी ऊंचाई पर थीं और उनके ऊपर प्लास्टिक का सामान रखा हुआ था. तंग इमारत होने की वजह से वेंटिलेशन के पुख्ता इंतजाम नहीं थे. जिससे आग लगने के बाद फैले धुएं से लोगों का दम घुटने लगा.
3- फैक्ट्री में अग्नि सुरक्षा की व्यवस्था नहीं थी, अगर आग बुझाने के इंतजाम होते तो 43 लोगों की मौत टल सकती थी.
4- बाहर निकलने के लिए रास्ता नहीं था क्योंकि गेट पर ताला जड़ा था. हालत ऐसी थी कि आग में फंसे लोगों को बचाने के लिए दमकलकर्मी पहुंचे तो उन्हें रास्ता नहीं मिल पाया.
5- दमकल के कर्मचारियों ने पहले ताला तोड़ा फिर इमारत में दाखिल हुए. तब तक काफी देर हो चुकी थी और कई मजदूर अपनी जान गंवा चुके थे.
6- काफी मशक्कत के बाद जब दमकलकर्मी फैक्ट्री में पहुंचे तो उन्हें लोगों को बचाने के लिए ग्रिल काटकर अंदर घुसना पड़ा.
7- फैक्ट्री आवासीय कॉलोनी में बिना लाइसेंस के अवैध रूप से चल रही थी. जिसकी वजह से आग बुझाने के उपकरण नहीं थे.
8- फैक्ट्री में फायर एग्जिट वे (रास्ता) और आग से बचने के मानकों का पालन नहीं किया गया था.
9- फैक्ट्री में इस तरह की कोई भी सुविधा नहीं थी जिससे सो रहे मजदूरों को यह पता चल सकता कि आग के रूप में मौत उन्हें अपनी जद में लेने वाली है.
10- अगर मजदूर बिल्डिंग से बाहर कूदकर भी अपनी जान बचाना चाहते को उसका भी कोई इंतजाम नहीं था. क्योंकि जो खिड़की थी वो काफी ऊंचाई पर थी जहां से कूदने से मौत का डर था.
बता दें कि आग की इस घटना में कुछ मजदूरों की मौत जलने की वजह से हुई तो कुछ की दम घुटने की वजह से जान चली गई. फैक्ट्री में सुरक्षा मानकों का पालन और निकलने की उचित व्यवस्था होती तो 43 लोगों की जिंदगी बच सकती थी.