DCP विक्रम कपूर सुसाइड केस : आरोपी एसएचओ का रिकॉर्ड पहले भी दागी रहा है

डीसीपी विक्रम कपूर की आत्महत्या मुद्दे की जाँच कर रही फरीदाबाद पुलिस इस मुद्दे में सुसाइड की वजह का पता लगाने के लिए भूपानी थाना एसएचओ अब्दुल शाहिद और आरोपी सतीश मलिक को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करेगी. इस मुद्दे में आरोपी एसएचओ का रिकॉर्ड पहले भी दागी रहा है.

मादक पदार्थ के एक मुद्दे में विभाग ने उन्हें बर्खास्त भी कर दिया था. जाँच के बाद वह फिर से विभाग में वापस आ गए थे. पूर्व डीजीपी का भी आरोपी एसएचओ खास रहा है. पुलिस सूत्रों का बोलना है कि एसएचओ ने डीसीपी को ब्लैकमेल करने से इंकार किया है. वह सन 2003 से डीसीपी से अपनी जान-पहचान बता रहा है.

डीसीपी की पत्नी नीलम का रो-रो कर बुरा हाल था. गोली चलने की आवाज से उन्हें लगा कि शॉर्ट-सर्किट का धमाका हुआ है. मगर, जब ड्राइंग रूम में पहुंची तो खून से लथपथ मृत शरीर को देखकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. यह कहते ही वह घर पर शोक जताने आईं महिला से लिपटकर रोने लगीं. उनका बोलना था कि उनका सब कुछ लुट गया. घर पर आ रहे लोगों से कह रही थीं कि अब क्यों आ रहे हो? अब तो सब समाप्त हो गया है. वे लोगों को बता रही थीं कि वह प्रतिदिन प्रातः काल 5:00 बजे उठ जाते थे. प्रातः काल उठकर घूमकर वापस घर आ गए थे.

उन्होंने बोला कि यह घटना बुधवार प्रातः काल करीब छह बजे हुई. डीसीपी ने अपने मुंह में रिवॉल्वर डालकर ट्रिगर दबा दिया. पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि विक्रम कपूर पिछले एक वर्ष से एनआईटी क्षेत्र के डीसीपी पद पर तैनात थे  उन्हें 2020 में रिटायर होना था. उन्होंने बोला कि विक्रम कपूर बहुत ज्यादा मिलनसार कर्मठ ऑफिसर थे.

विक्रम कपूर मूलरूप से अंबाला के रहने वाले थे  हरियाणा पुलिस में एएसआई के रूप में भर्ती हुए थे. पदोन्नति के बाद वह डीसीपी बने  पिछले करीब दो वर्ष से फरीदाबाद में पदस्थ थे. विक्रम कपूर की रिटायरमेंट में अभी एक वर्ष बाकी था.

गौरतलब है कि डीसीपी विक्रम कपूर बुधवार प्रातः काल अपने घर के ड्राइंग रूम में सोफे पर बैठे थे. तभी उन्होंने सर्विस रिवॉल्वर अपने मुंह में डालकर ट्रिगर दबा दिया. घटना के समय उनकी पत्नी बाथरूम में थीं. गोली चलने की आवाज सुनकर वह बाहर आईं तो पति को खून से लथपथ पाया. इसके बाद कपूर की पत्नी ने अपने बेटे अर्जुन को जगाया. बाद में पुलिस को इसकी सूचना दी गई.