भारत की बेटी ने यूएनजीए में पाकिस्तान को दिया करारा जवाब, पूरी दुनिया में हो रही सराहना

भारत की बेटी स्नेहा दुबे ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के वैश्विक मंच पर पाकिस्तान को जिस अंदाज में उसके सच का आईना दिखाया, उसकी पूरी दुनिया में सराहना हो रही है. लोग इंटरनेट पर जाकर उनके बारे में ज्यादा-से-ज्यादा जानने की कोशिश कर रहे हैं. स्नेहा दुबे संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रथम सचिव हैं. युवा हैं. सच को सच कहने की युवा पीढ़ी की हिम्मत का प्रतीक हैं.

स्नेहा दुबे पुणे के फर्ग्यूसन कॉलेज से स्नातक और जेएनयू से भूगर्भशास्त्र में स्नातकोत्तर हैं. अंतरराष्ट्रीय मुद्दों में भी उनकी खूब रुचि थी. इसलिए उन्होंने दिल्ली के जेएनयू में ही स्कूल आॅफ इंटरनेशनल स्टडीज से एमफिल की पढ़ाई की. उन्हें भारतीय विदेश सेवा में शामिल होने का बहुत शौक था.

जब 2011 में पहले ही प्रयास में उन्हें यूपीएससी में कामयाबी मिली, तो उनके शौक को खुला आकाश मिला. उन्होंने इसे नौकरी नहीं, अपने देश का दुनिया में प्रतिनिधित्व करने के बेहतरीन अवसर के रूप में स्वीकार. अंतरराष्ट्रीय सेवा के लिए चुने जाने के बाद स्नेहा दुबे की पहली नियुक्ति विदेश मंत्रालय में हुई थी.

अगस्त 2014 में उन्हें मैड्रिड में भारतीय दूतावास में नियुक्त किया गया. स्नेहा के विषय में सबसे दिलचस्प सच यह है कि वह अपने परिवार की पहली सदस्य थीं, जिन्हें सरकारी सेवा में जाने का मौका मिला. पिता मल्टीनेशनल कंपनी में काम करते हैं और मां शिक्षिका और भाई बिजनसमैन हैं. स्नेहा दुबे ने शुक्रवार को दुनिया के सामने इमरान खान के झूठ की पोल खोली.

भारत के आंतरिक मामलों को दुनिया के मंच पर ला कर झूठ फैले और यूएनजीए जैसे प्रतिष्ठित मंच की छवि खराब करने की कोशिश पर उसे करार जवाब दिया. पाकिस्तानी की पूरी दुनिया में आतंकवादपरस्त की बनी छवि को उन्होंने सबके सामने रखा. बताया कि कैसे पाकिस्तान आतंकवादियों का खुले तौर पर समर्थन करता है और उन्हें हथियार मुहैया करवाता है.