कोरोना वायरस को लेकर सामने आया ये बड़ा सच, लोग हो जाए सावधान

फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने टेस्ट एंटीजन टेस्ट को मंजूरी देने के बाद कहा कि यह नए तरह का परीक्षण है, जो संक्रमित मरीजों के इलाज में कारगर साबित होगा।

 

सेन डियागो के क्यूडेल कॉरपोरेशन ने एंटीजन टेस्ट को विकसित किया है। इस टेस्ट को लेकर कुछ विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि इस टेस्ट की सटीकता टेस्टिंग के आदर्श मापदंडों की तुलना में कम है। साथ ही इसका संचालन भी विशेष उपकरणों से ही होता है। तो चलिए आपको हम बताते हैं इस टेस्ट से जुड़ी कुछ प्रमुख बातें-

यह टेस्ट नाक से स्वाब लेकर 15 मिनट के अंदर वायरस प्रोटीन के अंश का पता लगा देता है। स्वाब के नमूने को केमिकल्स के साथ मिलाकर टेस्ट ट्यूब में डाला जाता है। फिर इसे ई-रीडिंग डिवाइस में डाला जाता है और एंटीबॉडी युक्त परीक्षण पट्टिका से वायरस का पता लगाया जाता है।

हाल ही में हार्वर्ड के विशेषज्ञों ने कहा था कि हर रोज तकरीबन 9 लाख टेस्ट होने चाहिए। यह मौजूदा टेस्ट क्षमता से तीन गुना है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान की ओर से टेस्ट की सटीकता बढ़ाने और इसे आसान बनाने के लिए 1.5 अरब डॉलर खर्च किया जा रहा है। जिससे लोग खुद ही यह टेस्ट कर सकें।

कोरोना वायरस से बुरी तरह से पस्त हो चुके अमेरिका ने हाल ही में बड़े स्तर पर तेजी से लोगों के कोरोना टेस्ट के लिए एंटीजन टेस्ट को हरी झंडी दिखा दी है। बताया जा रहा है कि यह टेस्ट काफी सस्ता है और इससे स्वास्थ्य कर्मियों को मास (बड़े पैमाने पर) स्क्रीनिंग में काफी आसानी होगी।

विशेषज्ञों का कहना है कि लाखों कर्मचारियों की कामकाज पर वापसी कराने और स्कूल-कॉलेज दोबार शुरू करने के लिए यह टेस्ट बहुत आवश्यक है।