इस राज्य में कोरोना ने मचाया आतंक, अस्पतालों में नहीं मरीजों को रखने की जगह

राजधानी रायपुर के हालात सबसे बुरे है।यहां नए संक्रमित मरीज भी तेजी से बढ़ रहे है और मौते भी सबसे अधिक हो रही है।एम्स और मेडिकल कालेज अस्पताल सहित सरकारी अस्पतालों में मरीजो के भर्ती करने के लिए बेड खाली मिलना मुश्किल हो गया है।

 

निजी अस्पताल भी मरीजों से भरे पड़े है। आक्सीजन युक्त बेड और वेन्टीलेटर की भारी कमी है।सरकारी दावों के विपरीत मरीजो के परिजन खाली बेड के लिए एक से दूसरे अस्पताल चक्कर लगाने को विवश है।

राज्य में रेमडेसिवीर इंजेक्शन की भी भारी कमी है।इसकी कमी की तरफ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी केन्द्र सरकार एवं प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट कर चुके है।मांग की अपेक्षा कम इंजेक्शन की आपूर्ति के कारण इसकी कालाबाजारी होने की खबरें आम हो गई है।

राजधानी में बेड़ और दवाओं की कमी नही बल्कि बढ़ती मौतों से श्मशान में भी जगह कम पड़ने लगी है। 31 मार्च तक जहां अधिकतम 30-35 शव आते थे अब इनकी बढ़कर संख्या 60-70 तक पहुंच गई है।लिहाजा आठ से 10 घंटे बाद शव जलाने की बारी आ रही है। राजधानी में और श्मशान स्थलों की जरूरत महसूस हो रही है।

राज्य में कोरोना संक्रमण के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे है। राज्य में गत 31 मार्च को 24 घंटे में 4563 नए संक्रमित मरीज मिले थे और 28 मौते हुई थी,महज 11 दिनों में कल नए संक्रमित मरीजों संख्या तीन गुना से भी अधिक बढ़कर 24 घंटे में 14098 दर्ज की गई।

इसके साथ ही इस अवधि में तीन गुना से अधिक 97 मौते दर्ज की गई। 31 मार्च को राज्य से सक्रिय मरीजो की संख्या 25529 थी जोकि कल तक बढ़कर 85860 पर पहुंच गई।

कोरोना संक्रमण के कहर से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर समेत राज्य के कई शहरों में बहुत भयावह स्थिति है।अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने की जहां जगह नही है,वहीं श्मशान में भी अन्त्येष्टि के लिए कतारे लग रही है।