गोवा में कोरोना का कहर, श्मशान में लगी लाशों की लंबी कतारें

संस्था सभी धर्मों के कोविड​​​​-19 रोगियों का अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार है. रोगियों का अंतिम संस्कार प्रतिदिन शाम 5 बजे से शाम 6 बजे के बीच किया जाता है. आप देखेंगे कि लोग अंतिम संस्कार के लिए शवों के साथ कतार में खड़े हैं.

दृश्य बहुत गंभीर है. भीड़ को देखते हुए, पणजी के सेंट इनेज में नागरिक-संचालित श्मशान घाट ने अतिरिक्त संसाधनों की व्यवस्था की है. इस सुविधा के प्रभारी एक अधिकारी ने कहा कि बोझ कई गुना बढ़ गया है, लेकिन कोई अन्य विकल्प नहीं है.

मठग्रामस्थ हिंदू सभा की देखरेख में चल रहे सदी पुराने एक श्मशान ने कोरोना मृतकों के अंतिम संस्कार के अपने दरवाजे खोल दिए. सभा की ओर से ऐसा पाया गया कि श्मशानों में कोरोना मृतकों के अंतिम संस्कार में दिक्कत आ रही है.

द फैसिलिटी के अध्यक्ष भाई नायक ने कहा, “हमने कोरोना के कारण मरने वाले लोगों का दाह संस्कार करने के लिए अपने दरवाजे खोल दिए, क्योंकि हमने महसूस किया कि उन्हें दूसरों द्वारा नहीं लिया जा रहा था. यह पिछले साल जून में था जब पहली मौत की सूचना मिली थी.”

गोवा (Goa) में कोरोना वायरस महामारी (Corona Virus Pandemic) का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है. राज्य में जिस तेजी से कोरोना के नए संक्रमित मिल रहे हैं, उसी तेजी से मरने वालों की संख्या भी बढ़ रही है.

शवदाह गृहों के बाहर अंतिम संस्कार (Last Rites) के लिए मृतकों को कतारों में रखा गया है. मडगांव शहर में स्थित गोवा के सबसे पुराने श्मशान घाटों में से एक को चार अतिरिक्त प्लेटफार्मों का निर्माण करना पड़ा. साथ ही इनमें से तीन को कोरोना से मरने वालों के अंतिम संस्कार के लिए निर्धारित कर दिया गया.