इस देश में कोरोना महामारी ने मचाया हाहाकार, विश्व युद्ध में हुई मौतों के आकड़े को छोड़ा पीछे

यूनिवर्सिटी में रिस्क मैनेजमेंट के प्रोफेसर फिलिप थॉमस ने कहा कि लॉकडाउन से धीरे-धीरे बाहर आने की नीति तभी प्रभावी है जब हम संक्रमण की दर एक से नीचे रखने में कामयाब होंगे। मंदी की स्थिति में गरीबी से भी उतनी ही मौतें होंगी, जितनी कोरोना से।

हालांकि इस दौरान मास्क लगाना सभी के लिए अनिवार्य होगा। जॉनसन ने साफ संकेत दिया है कि अगर मामले बढ़े तो पाबंदियां बढ़ाई जा सकती हैं।

बोरिस ने साथ ही लोगों से कहा कि वे नजदीकी पार्कों और घर के बाहर में अपने परिवार के साथ व्यायाम कर सकते हैं, खेल भी सकते हैं, जिन्हें किसी दूसरी जगह जाना, वे अपनी गाड़ी से जा सकते हैं।

शोधकर्ताओं ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से मंदी भी आ सकती है। ऐसे में कोरोना वायरस, खराब स्वास्थ्य प्रणाली और गरीबी की वजह से पांच साल में 6.75 लाख लोगों की मौत हो सकती है।

कोरोना वायरस महामारी की वजह से ब्रिटेन में सात लाख लोगों की मौत हो सकती है। यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल के अध्ययन के अनुसार ब्रिटेन में सात लाख लोग इस जानलेवा वायरस से जान गंवा सकते हैं। यह संख्या द्वितीय विश्व युद्ध में हुई मौतों से भी ज्यादा है।