कोरोना से बचा सकता है ये फल, खरीदने की लगी लोगो की भीड़

जानकारों की माने तो इस फल के पोषक तत्व रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक हैं और इसलिए इसे कोरोना वायरस के लिए काफी उपयोगी बताया जा रहा है। विज्ञानियों ने इस फल को लेकर दावा किया है कि इसका का उत्पादन चीन, मलेशिया व थाइलैंड आदि देशों में भले ही होता आया है।

 

लेकिन मुजफ्फरपुर में इस फल की सबसे उच्चतम वेरायटी पैदा होती है। इस फल, लौंगन के पोषक तत्व शारीरिक कमजोरी की स्थिति में तुरंत ऊर्जा पहुंचाने का काम करती है और इस फल को खाने से यादाश्त भी बढ़ती है।

इस फल के बारे में स्थानीय लोगों ने बताया है कि चीनी मूल के इस फल में फूल आने की शुरूआत अप्रैल में होती है और ये जुलाई के अंत तक पककर तैयार हो जाता है।

अगस्त के पहले सप्ताह में यह खत्म भी हो जाता है। पांच से 10 मीटर ऊंचे प्रति पौधे में 25 से 30 किलो फल लगते हैं। अनुसंधान केंद्र में अभी 50 से 60 पौधे हैं। यहां से पौधों की बिक्री भी की जा रही है।

लौंगन का रंग-रूप लीची से काफी मिलता जुलता है और ये काफी मीठा भी होता है। इसका वजन 10 से 15 ग्राम होता है और ये काफी रसभरा होता है। ये लीची के ही परिवार का फल है। बताया जा रहा है कि बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में मिलने वाला ये फल जुलाई के अंत तक पक कर तैयार हो जाएगा।

कोरोना वायरस को मात देने के लिए भारत में वैक्सीन बनाने पर काम शुरू हो चुका है इसी बीच बिहार के मुजफ्फरपुर में पाए जाने वाले एक फल पर शोध किया जा रहा है।

बताया जा रहा है कि चीनी मूल के इस फल लौंगन से रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ सकती है और इसलिए ये कोरोना की जंग को लड़ने में मददगार साबित हो सकता है।