सचिन पायटल और अशोक गहलोत गुट के बीच जारी अंतर्कलह, कांग्रेस को होगा बड़ा नुकसान

राजस्थान में जहां अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां चल रही हैं, वहीं दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। सचिन पायटल और अशोक गहलोत गुट के बीच जारी अंतर्कलह के बीच अब गहलोत के अपने नेता भी मुखर होकर सरकार और सरकारी व्यवस्था के खिलाफ खड़े होते नजर आ रहे हैं। बात अब सिर्फ बोलने तक नहीं रह गई है। अब तो कभी खुलकर पायलट कैंप के खिलाफ जाकर गहलोत का साथ देने वाले मंत्री भी इस्तीफे की पेशकश करने लगे हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, गहलोत सरकार के कई मंत्रियों में नौकरशाही को लेकर नाराजगी है। सूबे के कई कांग्रेस विधायक भी अफसरों की शिकायतें कर चुके हैं लेकिन सीएम अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने उनकी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया। सूत्रों के मुताबिक, ‘सरकार के कुछ मंत्रियों ने अफसरों से सिस्टम बैठा रखा है। हालात ऐसे हैं कि अफसर अपने उस करीबी के कहने पर कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं और उनके अपने विभाग का मंत्री कुछ भी कह ले, वह काम नहीं होता।’राजस्थान कांग्रेस से जुड़े एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘एक कार्यकर्ता की अपने जनप्रतिनिधि से अपेक्षा होती है कि वह उसकी बात सुनेगा। जनप्रतिनिधि सुन भी लेता है, लेकिन अफसर नहीं सुनते। इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से की जाती है तो भी कोई कार्रवाई नहीं होती। ऐसे में कार्यकर्ताओं के साथ जनप्रतिनिधियों में भी भारी नाराजगी है।’ उन्होंने कहा कि अगर ऐसे ही चलता रहा तो आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।