डायबिटीज में कौन से फल खाएं-कौन से नहीं, इसको लेकर हैं कंफ्यूज? ये रहा जवाब

डायबिटीज गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, इसका खतरा साल-दर साल सभी उम्र के लोगों में बढ़ता जा रहा है। डायबिटीज, ब्लड शुगर के अनियंत्रित रूप से बढ़ने की समस्या है, जिसका शरीर के कई अंगों पर गंभीर नकारात्मक असर हो सकता है। यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को उन उपायों का गंभीरता से पालन करते रहने की सलाह देते हैं जिनसे शुगर के स्तर को कंट्रोल किया जा सके। वैश्विक स्तर पर डायबिटीज के बढ़ते जोखिमों को लेकर लोगों को अलर्ट करने और बचाव के उपायों के बारे में शिक्षित करने के उद्देश्य से हर साल 14 नवंबर को वर्ल्ड डायबिटीज डे मनाया जाता है। डायबिटीज रोगी अक्सर खान-पान की चीजों को लेकर कंफ्यूज रहते हैं, खासतौर पर किन फलों का सेवन करना चाहिए-किनका नहीं? आइए जानते हैं कि कौन से फल डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं?

फाइबर युक्त फलों का करें सेवन
फलों में पाया जाने वाला फाइबर (घुलनशील और अघुलनशील दोनों) पाचन को धीमा करके रक्त शर्करा को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकता है। यह वसा और कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को भी सीमित कर देता है। यही कारण है कि डायबिटीज रोगियों को आहार में फाइबर वाली चीजों को शामिल करने की सलाह दी जाती है। ये रक्त शर्करा और कोलेस्ट्रॉल दोनों को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। सेब, केला, ब्रसेल्स स्प्राउट्स और एवोकाडो में घुलनशील फाइबर पाया जाता है।

एंटीऑक्सीडेंट युक्त फलों के लाभ
गहरे रंग के फल- जैसे गहरे लाल, बैंगनी और नीले रंग के फलों में आमतौर पर एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा होती है। एंटीऑक्सीडेंट शरीर में फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाली समस्याओं को कम करने में लाभकारी माने जाते हैं। ब्लूबेरी, सेब जैसे फल एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और फाइबर से भरपूर हैं। जामुन भी आपके लिए एक बढ़िया विकल्प हो सकता है। विटामिन सी, विटामिन के, मैंगनीज, पोटेशियम वाले फलों का सेवन किया जा सकता है।

मीठे फलों से करिए परहेज
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, डायबिटीज में उन फलों का सेवन कम या बिल्कुल नहीं किया जाना चाहिए जिनमें प्राकृतिक रूप से अधिक शर्करा होती है। हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) वाले फलों से परहेज करें। यदि किसी भोजन का जीआई स्कोर 70 और 100 के बीच है, तो उसमें चीनी की मात्रा अधिक हो सकती है। आम, खजूर, तरबूज और अनानास जैसे फलों का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करें।