सीएम योगी ने दिया ये बड़ा आदेश, कहा सरकारी काम में…

मुख्य विकास अधिकारी, वाराणसी ने सुरेश चन्द्र के कार्यालय का निरीक्षण किया था, जहां पत्रावलियों के निस्तारण और वित्तीय अनियमितता सम्बन्धी शिकायतें सामने आई थीं।

सुरेश की उदासीनता के कारण दिसंबर 2019 तक के लक्ष्य के सापेक्ष मासिक प्रगति की पूर्ति नहीं की जा सकी। केसरवानी को जून 2019 में विकास खंड हरहुआ का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया था, जिसके निर्वहन में भी केसरवानी ने लगातार उदासीनता बनाए रखी। सीएम योगी ने इन्हें निलंबित कर इनके खिलाफ विभागीय जांच कराने का आदेश दिया है।

बहराइच में उपायुक्त (स्वतः रोजगार) के पद पर तैनात सुरेन्द्र कुमार गुप्ता पर आरोप है कि हरदोई के ब्लॉक अहिरोरी में खंड विकास अधिकारी रहते हुए ग्राम खाड़ाखेड़ा के आंगनबाड़ी केन्द्र के स्थलीय विवाद होने के स्थिति में न तो कोई कार्य कराया और न ही किसी फर्म से किसी भी निर्माण सामग्री की आपूर्ति ली।

इतना ही नहीं कोई मापाकंन भी नहीं कराया गया। बावजूद इसके भुगतान की कार्रवाई की गई। इस प्रकार गुप्ता ने न केवल प्रक्रियात्मक त्रुटि की, बल्कि शासकीय धन का अनियमित तरीके से भुगतान करने की गड़बड़ी भी की। सीएम योगी ने इसे घोर अनुशासनहीनता, लापरवाही और स्वेच्छाचारिता माना है।

वहीं, वाराणसी में उपायुक्त (स्वतः रोजगार) पद पर तैनात सुरेश चन्द्र केसरवानी पर आरोप है कि उन्होंने राज्य ग्रामीण आजिविका मिशन के कार्यों में शिथिलता बरती। सुरेश चन्द्र के खिलाफ अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ अशोभनीय भाषा का प्रयोग और उन्हें धमकाने की शिकायत भी मिली है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को बहराइच और वाराणसी के उपायुक्त के सस्पेंशन का आदेश दिया है। दोनों अधिकारियों पर सरकारी काम में उदासीनता और अनियमितता के आरोप लगे हैं।

सीएम कार्यालय ने बुधवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी। सस्पेंशन का आदेश देते हुए सीएम योगी ने आरोपी अधिकारी सुरेन्द्र कुमार गुप्ता के खिलाफ अनुशासनिक कार्यवाही के आदेश भी दिए हैं।

संयुक्त विकास आयुक्त, लखनऊ मण्डल, लखनऊ को मामले में जांच अधिकारी बनाया गया है। निलंबन अवधि में यह कार्यालय आयुक्त, ग्राम्य विकास, लखनऊ से संबद्ध रहेंगे।