सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी में कानून-व्यवस्था को दुरुस्त करने को लेकर कोई भी कसर नहीं छोडी हैं। उनका मानना है कि सुशासन की ठोस नींव कानून के राज पर ही स्थापित हो सकती है। अगर कानून का राज नहीं है तो सुशासन की परिकल्पना ही बेमानी है। इस दृष्टि से हम सबको फोकस करना होगा।
शुक्रवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने अभियोजन और पुलिस के अधिकारियों को अपराधियों और क्राइम पर शिकंजे के लिए कई सूक्ति वाक्य दिए। अभियोजन मुख्यालय की स्थापना के बाद 40 वर्षों में यह पहला मौका था, जब सीएम उनके प्रोग्राम में पहुंचे। योगी ने पहली अभियोजन दिग्दर्शिका का विमोचन भी किया। ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल में उत्तर प्रदेश के नंबर वन होने की शुभकामनाएं भी दीं।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि पुलिस मुख्यालय में ‘साइबर अपराध विवेचना व महिला और बालकों के खिलाफ अपराध’ विषयक अभियोजकों और विवेचकों की दो दिवसीय प्रदेश स्तरीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में सीएम ने बोला कि विवेचना ठोस तथ्यों व साक्ष्यों पर आधारित होगी तो बेहतर पैरवी कर अभियोजन ऑफिसर समय से अपराधियों को सजा दिला सकेंगे। बोला कि जब सारे देश में स्त्रियों से संबंधित अपराधों को लेकर चिंता जाहीर की जा रही हो। साइबर अपराध की बढ़ती दुष्प्रवृत्ति से जब आमजन के मन में नयी संभावना जन्म ले रही हो। विश्वास है कि इन स्थितियों में देश के सबसे बड़े प्रदेश यूपी में इस गंभीर मामले पर दो दिवसीय कार्यशाला ठोस निष्कर्ष पर पहुंचेगी व व्यापक कार्ययोजना के साथ हमे उसे बढ़ाने में पास होंगे। जब क्रिमिनल के मन में कानून का डर होगा, तो खुद ही क्राइम कम होंगे. समय से मिला न्याय ही न्याय कहलाता है।