अपराधों को रोकने के लिए सीएम योगी ने लिया ये बड़ा एक्शन, दो दिनों में 14 दोषियों को मिली फांसी की सजा

इसी तरह अभियान के तहत दो दिनों में 54 मामलों के कुल 62 आरोपितों के विरुद्ध पत्रावलियां कोर्ट में पहुंचाई गईं। इसके अलावा 347 आरोपितों की जमानत निरस्त कराने में भी सफलता हासिल की गई।

साथ ही गुंडा एक्ट के तहत 101 आरोपितों के विरुद्ध जिला बदर की कार्रवाई की गई। अपर मुख्य सचिव का कहना है कि दुष्कर्म के मामलों में कड़ी पैरवी कर आरोपितों को फांसी की सजा सुनिश्चित कराने के कड़े निर्देश दिए गए हैं।

उल्लेखनीय है कि 17 अक्टूबर से 22 अप्रैल 2021 तक मिशन शक्ति के तहत महिला व बाल अपराधों में अभियान के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

फांसी व आजीवन कारावास के अलावा महिलाओं व बच्चों के साथ हुई संगीन घटनाओं के आठ मामलों में 22 आरोपितों को कारावास व आर्थिक दंड की सजा दिलाई गई।

अभियान के दूसरे दिन 19 अक्टूबर को 28 मुकदमों में 30 आरोपितों के विरुद्ध पत्रावलियां सत्र न्यायालय पहुंचाई गईं, जिनमें विचारण शुरू नहीं हो पा रहा था।

गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मिशन शक्ति के पहले व दूसरे दिन अभियान के तहत अभियोजन अधिकारियों ने बड़ी सफलता हासिल की है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले अपराधों पर अंकुश के लिए 17 अक्टूबर को जिस मिशन शक्ति अभियान का शुभारंभ किया, उसकी ताकत सामने आना शुरू हो गई है।

मिशन के तहत अभियोजन अधिकारियों ने अपनी मजबूत पैरवी से कोर्ट में आरोपितों की पैरवी को पीछे धकेलना शुरू कर दिया है। मिशन शक्ति के शुरुआती दो दिनों में महिलाओं और मासूसों के साथ दरिंदगी व हत्या के 11 मामलों में 14 आरोपितों को फांसी की सजा दिलाई गई है। इसके अलावा ऐसे 11 मुकदमों में 20 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा दिलाई गई।