नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के मामले पर नरेन्द्र मोदी सरकार को विपक्ष घेरने में लगा हुआ है। किन्तु इस सबके बीच अब भाजपा को अपने ही घर में चैलेंज मिला है।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते व बीजेपी नेता चंद्रकुमार बोस ने अब CAA पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने मंगलवार को ट्विटर हैंडल से लिखा है कि यदि इस कानून का धर्म से कोई वास्ता नहीं है तो फिर इसमें मुस्लिमों को क्यों शामिल नहीं किया जा रहा है।
चंद्रकुमार बोस ने ट्वीट कर CAA पर सवाल उठाते हुए ट्विटर हैंडल से लिखा है कि, ‘यदि नागरिकता संशोधन कानून का धर्म से कोई वास्ता नहीं है तो फिर हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई, पारसी व जैन का नाम क्यों लिया जा रहा है। इसमें मुस्लिमों को शामिल क्यों नहीं किया गया? हमें पारदर्शी होने की जरूरत है। ’ चंद्रकुमार ने लिखा कि यदि मुस्लिमो को उनके देश में प्रताड़ित नहीं किया जाता है, तो वो यहां नहीं आएंगे। ऐसे में उन्हें शामिल करने में कोई समस्या नहीं है। हालांकि, ये भी पूरी तरह से सत्य नहीं है। क्योंकि जो बलूच पाक व अफगानिस्तान में रहते हैं, उनका क्या? व पाक के अहमदिया मुस्लिमों का क्या?
आपको बता दें कि चंद्रकुमार बोस का ये ट्वीट उस समय आया है कि, जब बीजेपी ने बंगाल में CAA के पक्ष में रैली करना प्रारम्भ कर दिया। बता दें कि चंद्रकुमार बोस, बंगाल बीजेपी इकाई के उपाध्यक्ष व सूबे में बीजेपी का बड़ा चेहरा हैं। 2021 में बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी बीजेपी CAA, NRC पर बड़े ढंग से आगे बढ़ रही है, ऐसे में बीजेपी के घर में ही इसके विरूद्ध आवाज़ उठना उसके लिए कठिन खड़ी कर सकता है।