भारत के खिलाफ चीन ने चली ये खौफनाक चाल, सीमा पर…विवाद…

आपको बता दें कि द्विपक्षीय संबंधों के सुचारू समग्र विकास के लिए शांति और शांति की पूर्ण बहाली आवश्यक थी. दोनों पक्षों के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों की अध्यक्षता में होती है.

 

चीन ने कई दौर की सैन्य और कूटनीतिक बातचीत के बाद फिंगर एरिया, डेपसांग के मैदानों और गोगरा में सैनिकों को पीछे नहीं हटाया है. चीनी सैनिक अब तीन महीनों से फिंगर क्षेत्र में डेरा जमाए हुए हैं और यहां तक ​​कि बंकरों के निर्माण के साथ अपने ठिकानों को भी मजबूत करना शुरू कर दिया है.

भारत ने कहा है कि वह उम्मीद करता है कि चीन पूर्वी लद्दाख में एलएसी के साथ सैनिकों को पूर्ण रूप से पीछे हटाने और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और शांति की पूर्ण बहाली के साथ-साथ डी-एस्केलेशन के लिए ईमानदारी से काम करेगा.]

भारत-चीन सीमा विवाद को सुलझाने के लिए गठित परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र डब्ल्यूएमसीसी की बैठक होने वाली है. इस बैठक में पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर दोनों देशों के बीच तनाव कम करने और सैनिकों को पीछे हटाने पर बातचीत होगी.

की सत्रहवीं बैठक पिछले महीने आयोजित की गई थी, जिसमें दोनों देशों ने सहमति व्यक्त की कि वास्तविक नियंत्रण रेखाके साथ सैनिक जल्द से जल्द और पूर्ण रूप से पीछे हट जाएंगे. द्विपक्षीय समझौते और प्रोटोकॉल के अनुसार भारत-चीन सीमा क्षेत्रों से पलायन बढ़ेगा.