चीन का नया सीमा कानून, जानकर चौक उठे लोग

चीन ने अपने आधुनिक इतिहास में पहली बार सीमा से जुड़े कानून को मंजूरी दी है। इस नए कानून के तहत अब चीन सरकार ने 14 देशों से जुड़ी अपनी जमीनी सीमा को लेकर कुछ नियम निर्धारित किए हैं।

इस कानून को ‘द लैंड बॉर्डर्स लॉ’ कहा गया है और यह 1 जनवरी 2022 से लागू हो जाएगा। यानी इस तारीख के बाद से चीन अपने तय कानून के तहत ही सीमा से जुड़े मुद्दों पर समीक्षा और कार्रवाई करेगा।

खास बात यह है कि चीन अब तक अपने सीमा से जुड़े मुद्दों पर केंद्रीय शासन और सेना के नेतृत्व के आधार पर फैसले लेता था। यानी ये कानून सिर्फ उन फैसलों को आधिकारिक रूप देने का एक तरीका है। हालांकि, कानून के कुछ प्रावधान ऐसे हैं, जिन्हें सिर्फ भारत को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। ऐसे में अगले साल भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति में कैसे बदलाव आ सकते हैं इसे लेकर काफी संशय की स्थिति पैदा हो गई है।

इस बीच अमर उजाला आपको बता रहा है कि चीन के नए कानून में ऐसे क्या प्रावधान हैं, जिन्हें लेकर अगले साल उसके साथ सीमा साझा करने वाले देशों से विवाद पैदा हो सकते हैं। चीन कुल मिलाकर 16 देशों से जमीनी और समुद्री सीमा साझा करता है। इनमें 14 देश उससे जमीनी सीमा से जुड़े हैं।

किन देशों से जुड़ी चीन की सीमा?

समुद्री सीमा
1. ताइवान
2. फिलीपींस
3. इंडोनेशिया
4. वियतनाम
5. मलेशिया
6. जापान
7. दक्षिण कोरिया
8. उत्तर कोरिया
9. सिंगापुर
10. ब्रुनेई

जमीनी सीमा
1. भारत
2. नेपाल
3. भूटान
4. वियतनाम
5. मंगोलिया
6. म्यांमार
7. रूस
8. कजाखस्तान
9. किर्गीस्तान
10. ताजिकिस्तान
11. उत्तर कोरिया
12. अफगानिस्तान
13. पाकिस्तान (पीओके का हिस्सा)
14. लाओस

चौंकाने वाली बात यह है कि अपने इतने पड़ोसियों में चीन का छह देशों- भारत, नेपाल, भूटान, वियतनाम, मंगोलिया, म्यांमार से लगातार विवाद जारी है। इतना ही नहीं तीन और देश- रूस, लाओस और कजाखस्तान ऐसे भी हैं, जिन पर चीन विवाद सुलझाने के बावजूद अपना दावा करता दिख जाता है।

चीन के नए कानून को सात भागों में रेखांकित किया गया है। इसमें 62 खंड दिए गए हैं, जिसमें पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (चीन) की स्वायत्ता और क्षेत्रीय अखंडता को पवित्र करार दिया गया है। इस कानून के तहत अब सीमाओं से जुड़े मामलों में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और पीपुल्स आर्म पुलिस (पीएपी) को आधिकारिक तौर पर घुसपैठ, अतिक्रमण या हमले से निपटने का अधिकार दिया गया है। कानून के तहत सीमाई मुद्दों को सुलझाने के लिए लीगल फ्रेमवर्क और जरूरत पड़ने पर सीमाओं को बंद करने के प्रावधान भी रखे गए हैं।

यह कानून चीन की सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के साथ आर्थिक, सामाजिक और सैन्य विकास को बढ़ावा देने के लिए अहम है। इस कानून के अनुच्छेद 10 और अनुच्छेद 43 में कहा गया है कि चीन सार्वजनिक सेवाओं के साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देगा, ताकि वहां बसे लोगों के जीवन और नौकरियों को आसान किया जा सके।

इस प्रावधान को इस लिहाज से अहम माना जा रहा है कि चीन ने 2016 के डोकलाम विवाद के बाद जिन भी विवादित सीमाई इलाकों पर अब तक अवैध तौर पर कब्जा किया है, उन पर अब वह भारी निवेश के जरिए इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा करेगा और उस पर अपना अधिकार पुख्ता कर लेगा।