चीन ने इस देश के आगे टेके घुटने, मानी अपनी गलती कहा अब नहीं होगा…

वांग ने लैंटिंग फोरम में राजनयिकों, विशेषज्ञों और पत्रकारों से कहा है कि हम जानते हैं कि अमेरिका का नया प्रशासन अपनी विदेश नीति की समीक्षा और आकलन कर रहा है .

इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि अमेरिका के नीति निर्माता समय के साथ तालमेल बनाएंगे, दुनिया के रुख को देखेंगे, पक्षपातपूर्ण रवैया को छोड़ेंगे, गैर जरूरी संदेह नहीं करेंगे और चीन-अमेरिका संबंधों में बेहतर प्रगति सुनिश्चित करने के लिए चीन को लेकर पुरानी नीति पर लौटेंगे.

इनमें कारोबार और प्रौद्योगिकी से संबंधित शिकायतें शामिल हैं जिनकी वजह से ट्रंप ने 2017 में चीन से आयातित वस्तुओं पर कर बढ़ा दिया था व चीनी प्रौद्योगिकी कंपनियों एवं शैक्षणिक कार्यक्रमों के आदान-प्रदान पर प्रतिबंध लगा दिया था.

ट्रंप ने ताइवान के साथ सैन्य एवं राजनयिक संबंधों को भी बढ़ाया, जिसे चीन अपना क्षेत्र बताता है. ट्रंप ने शिनजियांग में मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार और हांगकांग में आजादी को दबाने का आरोप लगाते हुए चीनी अधिकारियों पर भी प्रतिबंध लगाया था.

चीन ने आखिरकार अमेरिका के आगे घुटने टेक दिए है और अब मनमानी पर पछता रहा है. चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने आज अमेरिका से कारोबार और लोगों के बीच संपर्क पर रोक हटाने का आह्वान किया है.

अमेरिका के इस प्रतिबंध को ताइवान, हांगकांग, शिनजियांग और तिब्बत के इलाकों में चीन एक गैरजरूरी दखल मानता है. विदेश मंत्रालय के एक मंच से अमेरिका-चीन संबंधों पर वांग का यह बयान ऐसे वक्त में आया है .

जब चीन अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन पर उनके पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप द्वारा उठाए गए टकराव पैदा करने वाले कदमों को वापस लेने का दबाव बना रहा है.