चीन ने पाकिस्तान के साथ मिलकर किया ऐसा काम, बढ़ी टकराव की आशंका

चीनी सरकारी कंपनी के इस समझौते में 70 फीसदी शेयर हैं जबकि पाकिस्तान के फ्रंटियर वर्क्स ऑर्गेनाइजेशन के पास 30 फीसदी शेयर हैं।

 

इस बांध के बारे में कहा जा रहा है कि ये दुनिया का सबसे बड़ा आरसीसी (टॉलेस्ट रोलर कॉम्पैक्ट) बांध है। ऐसा माना जा रहा है कि साल 2028 तक बांद का निर्माण हो जाएगा।

चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) के तहत गिलगित-बाल्टिस्तान में इस परियोजना का काम शुरू किया जाएगा। बता दें कि भारत शुरू से ही चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) का विरोध करता आया है, क्योंकि यह आर्थिक कॉरिडोर (CPEC) PoK से होकर गुजरेगा।

पाकिस्तान के इस कदम पर भारत ने कड़ी निंदा जताई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारत पाकिस्तान द्वारा दिआमेर-भाषा बांध पर उठाए गए इस कदम की कड़ी निंदा करता है।

पाकिस्तान के कब्जे में आने वाले भारतीय क्षेत्र में किसी भी परियोजना को लेकर हम पाकिस्तान और चीन के सामने लगातार अपनी चिंता जाहिर करते रहे हैं।

इन दिनों भारत और चीनी सेनाओं के बीच सरहद पर लगातार तनातनी जारी है। दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। ऐसा माना जा रहा है कि लद्दाख में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच टकराव बढ़ने की आशंका है।

इस बीच चीन ने पाकिस्तान के साथ मिलकर एक और ऐसा काम किया है, जिससे भारत की परेशानी और बढ़ सकती है। दरअसल, पाकिस्तान ने चीन की सरकारी कंपनी के साथ अरबों डॉलर का समझौता किया है।

इसी समझौते के तहत पाक अधिकृत कश्मीर यानि पीओके में दिआमेर-भाषा बांध का निर्माण किया जाएगा। चीनी कंपनी चाइना पावर ने इस बांध का निर्माण करने के लिए 2.75 अरब डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।