भारत से तनाव के बीच बौखलाए चीन ने किया ये काम, 24 घंटे में दूसरी बार…

इसका ताजा उदाहरण हाल के दिन में देखने को मिला है. चाइना के इशारे पर नेपाल ने हिंदुस्तान जैसे दोस्त के साथ टकराव पैदा कर लिया. नेपाल की केपी ओली सरकार ( KP Oli Government of Nepal ) ने हिंदुस्तान के विरूद्ध नक्शा टकराव को बढ़ाया, तो वहीं चाइना का सदाबहार दोस्त पाक भी एक्टिव हो गया व हिंदुस्तान की ओर से 1971 में मिले दर्द को भूलकर बांग्लादेश से हाथ मिलाने को तैयार हो गया है.

 

चीन व दक्षिण एशिया की पॉलिटिक्स पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों का बोलना है कि चाइना पिछले कई वर्षों से हिंदुस्तान के पड़ोसी राष्ट्रों को लोन व निवेश के जरिए अपना औपनिवेश बनाने में जुटा है.

इससे पहले भी कुच ऐसे घटनाक्रम रहे हैं, जिसको देखने से ये साफ हो जाता है कि चाइना हिंदुस्तान के विरूद्ध पाक व बांग्लादेश को करीब लाने में जुटा है.

रिपोर्ट में आगे यह भी लिखा है कि ढाका में चाइना के बढ़ते असर की वजह से पाक के साथ उसकी नजदीकी बढ़ी है. इतना ही नहीं दोनों राष्ट्रों के बीच बढ़ती नजदीकियों के जो कारण बताए गए हैं उसमें, हिंदुस्तान के संशोधित नागरिकता कानून ( Amended citizenship law ) को भी एक अहम फैक्टर बताया गया है.

पाक चाइना का सदाबहार दोस्त है व अब ड्रैगन ने हिंदुस्तान के विरूद्ध मोर्चाबंदी करने के लिए नेपाल, बांग्लादेश व श्रीलंका ( Nepal, Bangladesh and Sri Lanka ) जैसे राष्ट्रों को भी अपने एजेंडे में शामिल करने के लिए पूरा जोर लगा दिया है.

ऐसा इसलिए बोला जा रहा है क्योंकि बुधवार को पाक के पीएम इमरान खान ( पीएम Imran Khan ) व बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ( पीएम Sheikh Hasina ) के बीच अहम वार्ता हुई.

सीमा टकराव को लेकर हिंदुस्तान व चाइना ( India China Border Dispute ) के बीच असली नियंत्रण रेखा ( LAC ) पर तनाव बरकरार है. अब हिंदुस्तान की कार्रवाई से

पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इमरान-हसीना के बीच वार्ता का ये पल दुर्लभ है. दोनों के बीच वार्ता ये दर्शाता है कि पाक व बांग्लादेश ( Pakistan Bangladesh ) समीप आ रहे हैं.

बौखलाए चाइना नई-नई साजिशें रचने लगा है. पहले से ही पाक व नेपाल ( Pakistan And Nepal ) का प्रयोग हिंदुस्तान विरोधी एजेंडे ( Anti India Agenda ) को बढ़ाने वाला चाइना ने अब एक नयी चाल चलने की साजिश रच रहा है.