आपको बता दें कि ड्रैगन ने साउथ चीन सागर में बुधवार से 5 दिन चलने वाले मिलिट्री प्रैक्टिस की शुरुआत की है। ये अभ्यास पेरासेल द्वीप के निकट किया जा रहा है।
इस इलाके पर वियतनाम दावा जताता रहा है। इसके अलावा वियतनाम के विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि चीन द्वारा किया जा रहा मिलिट्री प्रैक्टिस वियतनाम की सुंप्रभुता का गंभीर उल्लंघन है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इस तरह के मिलिट्री प्रैक्टिस से हालात और खराब हो जाएंगे जो सभी के लिए खतरनाक होगा। वियतनाम ने इस अभ्यास को रोकने के लिए कूटनीतिक तरीका अपनाते हुए चीन से अपना विरोध जताया है। थंग ने कहा कि हमनें चीन से ऐसा न करने को कहा है।
वियतनाम के अलावा फिलीपींस ने भी तानाशाह चीन का विरोध करते हुए उसको आगाह किया है कि इस तरह की कार्रवाई से साउथ पूर्वी एशियाई देशों में असुरक्षा की भावना व्याप्त हो जाएगी।
आपकी सूचना के लिए बता दे कि फिलीपींस की तरफ से बीते दिनों एक सम्मेलन के दौरान ये बातें कही गई थीं। इस चिंता के बीच कि चीन विवादित जलमार्ग में अपनी गतिविधि को बढ़ाने के लिए कोविड-19 के आवरण का इस्तेमाल कर रहा है।
ड्रैगन कई देशों से एक साथ गतिरोध पैदा कर रहा है। जिसका प्रभाव हांगकांग से लेकर वियतनाम तक नजर आ रहा है। बता दे कि वियताम ने साउथ चीन सागर में की जा रही ड्रैगन के मिलिट्री प्रैक्टिस का विरोध किया है। उसकी तरफ से कहा गया है कि ये मिलिट्री प्रैक्टिस आसियान देशों के लिए हानिकारक है।