चीन को कड़ी टक्कर देगा ब्रिटेन, तैनात किया ये खतरनाक हथियार

किशी ने विमान वाहक पोत पर सवार ‘स्ट्राइक ग्रुप’ के कमांडर, कमोडोर स्टीव मूरहाउस (Commodore Steve Moorhouse) से मुलाकात की. यह युद्धपोत शनिवार को टोक्यो (Tokyo) के पास योकोसुका (Yokosuka) में अमेरिकी नौसेना के अड्डे (US Navy base) पर पहुंचा.

चीनी नौसेना (China Navy) के बढ़ते दबदबे और कई क्षेत्रों पर दावा जताने के बीच जापान, अमेरिका (US) के साथ पारंपरिक गठबंधन से परे अपने सैन्य सहयोग का विस्तार करना चाहता है.

योकोसुका पहुंचने से पहले ‘एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ’ पोत ने अमेरिका, नीदरलैंड, कनाडा और जापान के युद्धपोतों के साथ संयुक्त अभियान में हिस्सा लिया. ये अभ्यास वाशिंगटन और टोक्यो के नेतृत्व में मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र दृष्टिकोण को हासिल करने के प्रयासों का हिस्सा था.

किशी ने संवाददाताओं से कहा कि पूर्वी और दक्षिण चीन सागर (South China Sea) में यथास्थिति को बदलने के लिए (चीन के) एकतरफा प्रयास (के मामलों) में यूरोपीय देशों की दिलचस्पी है. यूरोपीय देशों की भूमिका इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है.

जापान (Japan) के रक्षा मंत्री नोबुओ किशी (Nobuo Kishi) ने सोमवार को ब्रिटिश विमानवाहक पोत (British aircraft carrier) ‘एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ’ (HMS Queen Elizabeth) का पहली बार जापान के बंदरगाह (Japanese port) पर पहुंचने का स्वागत किया.

उन्होंने कहा कि चीन (China) के अपनी सैन्य ताकत और प्रभाव बढ़ाने के प्रयासों के मद्देनजर हिंद-प्रशांत क्षेत्र (Indo-Pacific region) में यूरोपीय देशों (European nations) की भागीदारी शांति और स्थिरता की कुंजी है.