चीन ने शुरू किया ये काम, जाकर कांप उठे लोग, भारी संख्या में…

डीजीटीआर डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश पर ही वित्त मंत्रालय डंपिंग रोधी शुल्क लगाता है।उल्लेखनीय है अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के मामले में डंपिंग तब होती है.

 

जब कोई देश या फर्म अपने घरेलू बाजार में उस उत्पाद की कीमत से कम कीमत पर किसी वस्तु का निर्यात करता है। फिलहाल, जांच की अवधि अप्रैल 2019- मार्च 2020 है, लेकिन डीजीटीआर अप्रैल 2016-19 की अवधि के आंकड़ों पर भी गौर करेगी।

इस पर डीजीटीआर ने कहा कि कंपनी ने प्रथम दृष्टया जो प्रमाण दिए हैं, उनके आधार पर जांच शुरू की गई है।डीजीटीआर चीन से इस उत्पाद की कथित डंपिंग के प्रभाव का पता लगाएगा और अगर उसे लगता है कि डंप़िंग से घरेलू विनिर्माता प्रभावित हो रहे हैं.

तो वह डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश करेगा। अगर ऐसा होता है तो यह कदम घरेलू उद्योग को हो रहे नुकसान की भरपाई करने के लिए पर्याप्त होगा।

भरतीय घरेलू दवा कंपनियों द्वारा की गई शिकायत के बाद सरकार ने चीन से भारत में डंप की गई विटामिन सी जांच शुरू कर दी है, जिसका उपयोग दवा कंपनियां दवाओं की मैन्युफैक्चरिंग में करती है।

चीनी विटामिन सी की भारतीय बाजारों में डंपिंग के संबंध में शिकायत करने वाली दवा कंपनी बजाज हेल्थकेयर लि. ने वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी।

दवा कंपनी बजाज हेल्थकेयर ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि चीन से विटामिन सी की डंपिंग से भारत का घरेलू दवा उद्योग प्रभावित हो रहा है। कंपनी ने सरकार से विटामिन सी के आयात पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाने का भी आग्रह किया है।