चीन ने इस देश को दिखाई दादीगीरी , कहा मिटा देंगे नमो निशान

पिछले महीने ही पदभार ग्रहण करने वाले सुगा ने चतुष्कोणीय संबंधों को, खासकर विश्व स्तर पर कोरोना वायरस के प्रसार के बीच, गहरा बनाने की आवश्यकता को रेखांकित किया.

 

उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय विभिन्न प्रकार की कई चुनौतियों का सामना कर रहा इसलिए यह उचित समय है कि हम अधिक से अधिक ऐसे देशों के साथ अपना समन्वय बढ़ाएं जिनका दृष्टिकोण हमारे समान है.

जापानी विदेश मंत्री तोशीमित्सु मोटेगी की मेजबानी में हुयी इस बैठक में चारों देशों के विदेश मंत्री शामिल हुए. यह बैठक हिंद-प्रशांत, दक्षिण चीन सागर और पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के आक्रामक सैन्य आचरण की पृष्ठभूमि में हुयी.

प्रधानमंत्री सुगा ने द्वितीय क्वाड मंत्रिस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत को ‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस क्षेत्र की शांति और समृद्धि के रूप में व्यापक मान्यता मिली हुयी है.’ उन्होंने कहा कि उनकी सरकार की मूल नीति ‘इस दिशा में अपने सदस्यों को बढ़ाना जारी रखना है.’

क्योदो संवाद एजेंसी ने बयान के हवाले से कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र के चार प्रमुख लोकतंत्रों ने क्षेत्र की शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए समन्वय करने का संकल्प लिया. क्वाड चार देशों का समूह है जिसमें अमेरिका और भारत के अलावा आस्ट्रेलिया व जापान भी शामिल हैं.

चीन की बढ़ती गतिविधियों के बीच भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने मंगलवार को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र को मुक्त और खुला बनाए रखने के लिए समन्वय बढ़ाने पर सहमति जतायी.

जापानी प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा, विदेश मंत्री एस जयशंकर, अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मारिस पैने ने मुक्त, खुली और नियमों पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को मजबूत बनाने की प्रतिबद्धता जतायी. जापान सरकार ने तोक्यो में एक बैठक के बाद जारी बयान में यह जानकारी दी.