चीन ने रवाना किए लड़ाकू विमान, युद्ध ने लिए सेना तैयार

चीन के बीच सबसे ज्‍यादा तनाव है। चीन हर तरह से ताइवान पर कब्‍जा करने की फिराक में लगा हुआ है, जबकि ताइवान भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। इसी को देखते हुए ताइवान ने 43वीं साल पूरे होने पर एक एयर ड्रिल करने का निर्णय किया है।इस साल यह नौवीं बार हैं, जब चीनी सैन्य विमानों को ताइवान के हवाई क्षेत्र के करीब देखा गया है।मंत्रालय ने कहा कि चीन की इस हरकत के बाद देश के आसपास के हवाई क्षेत्र की बारीकी से निगरानी रखी जा रही है और द्वीप की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय कदम उठाए गए हैं।

 

इससे पहले इसी साल चीनी सैन्य विमानों की उपस्थिति 23 जनवरी, 9 फरवरी, 10 फरवरी, फरवरी 28, 16 मार्च, 10 अप्रैल, 8 मई और 16 मई को ताइवान के हवाई क्षेत्र में दर्ज की गई।

चीन के विमानों ने 10 सितंबर को ताइवान जल क्षेत्र और द्वीप राष्ट्र के हवाई क्षेत्र को भी पार किया। चीनी इस तरह की हरकत ज्‍यादातर तभी करता है जब ताइवान के हवाई क्षेत्र के आसपास अमेरिकी सैन्य जेट देखा जाता है।

ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने कहा कि कई सुखोई -30 (एसयू-30) फाइटर जेट्स ने ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र (एडीआईजेड) के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से पर उड़ान भरी। हालांकि इनको देखते ही ताइवान की वायु सेना अलट हो गई और उन्‍होंने जवाब देने के लिए अपने लड़ाकू विमानों को तुरंत रवाना कर दिया।

एक तरफ सारी दुनिया कोरोना के कहर से कराह रही है, वहीं दूसरी ओर चीन लगातार ताइवान पर युद्ध का दबाव बना रहा है। मंगलवार को चीन ने एक बड़ी साजिश रचते हुए कई लड़ाकू विमानों ने ताइवान के हवाई क्षेत्र में भेजा।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, चीन ने यह प्रयास ताइवान पर दबाव बनाने के लिए किया था। क्‍योंकि आज ही एक अमेरिकी नौसेना परिवहन जेट ने ताइवान से सीधे उड़ान भरी थी।