चीन ने गलवां में दोबारा लगाए…, जगह – जगह बढ़ती जा रही संख्या

जवानों की पीठ थपथपाते हुए कहा कि ऊंचे मनोबल के साथ इसी तरह से ड्यूटी पर डटे रहें। दौरे के बीच बुधवार को लद्दाख के आसमान में भारतीय वायुसेना के जंगी विमानों ने उड़ान भरी।

 

एलएसी के अग्रिम मोर्चे पर बुधवार (24 जून) को पहुंचे सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने रक्षा तैयारियों का जायजा लेकर जवानों को पूरी मुस्तैदी और हौसले के साथ किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार रहने को कहा है।

सूत्रों के मुताबिक, चीन की सेना ने चार मई से सैन्य ढांचा बनाना शुरू किया और बड़ी संख्या में तोपें, हथियारबंद रेजिमेंट और रक्षा बैटरी के जमावडे़ के साथ-साथ 10,000 से ज्यादा जवानों की तैनाती कर दी है।

पैंगोंग त्सो झील के साथ लगे फिंगर इलाके में भी चीन ने सेना और सैन्य ढांचे बनाने के काम में तेजी ला दी है। भारतीय पक्ष फिंगर 8 तक अपना दावा जताता रहा है, मगर चीन की सेना गलवां घाटी में झड़प के दौरान से ही फिंगर 4 से आगे जाने पर भारतीय सेना के गश्ती दल का रास्ता रोक रही है। फिंगर इलाके में चीन की सेना नए क्षेत्रों पर कब्जा जमाने की आक्रामक कोशिश कर रही है।

यहां तक कि चीन दौलत बेग ओल्डी क्षेत्र में पेट्रोलिंग प्वाइंट 10 से 13 तक भारतीय सैनिकों के गश्त करने में रुकावट भी खड़ा कर रहा है। हालांकि, भारत ने भी चीनी सेना के किसी भी उकसावे की कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तैयारी कर ली है।

पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनातनी खत्म करने के लिए सैन्य और कूटनीतिक स्तर की बातचीत के बीच चीन की नापाक हरकत फिर दिखी है। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की गलवां घाटी में 15-16 जून की दरम्यानी रात हुई झड़प में भारतीय सेना ने चीनी सेना के जो सैन्य ढांचे उखाड़ फेंके थे, वहां पर उसने पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 के पास एक निगरानी पोस्ट तैयार की है।