अमेरिका के खिलाफ चीन ने उठाया ये बड़ा कदम, कुछ घंटे पहले ही…

मंत्रालय की वेबसाइट पर 30 पन्नों व 11 हजार शब्दों का एक आर्टिक्ल पोस्ट किया गया, जिसमें इन सभी बातों का खंडन किया गया था। इस आर्टिक्ल की आरंभ 19वीं सदी के अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन से की गई थी।

 

लेख में दुनिया स्वास्थ्य संगठन (WHO) के दस्तावेजों का हवाला दिया गया है कि वायरस का नाम किसी देश विशेष पर नहीं होना चाहिए।

लेख के आरंभ में बोला गया ‘जैसा कि लिंकन ने कहा, आप कुछ लोगों को हर समय बेवकूफ बना सकते हैं व सभी लोगों को कुछ समय के लिए मूर्ख बना सकते हैं, लेकिन आप सभी लोगों को हर समय मूर्ख नहीं बना सकते। ‘

लेख में बोला गया है कि सभी सबूतों से पता चलता है कि वायरस मानव निर्मित नहीं है व वो प्रयोगशाला इतनी सक्षम ही नहीं है कि वहां कोरोना वायरस को बनाया जा सके।

चीन के बार-बार आश्वासन दिए जाने के बावजूद भी संसार के कई हिस्सों में लोग यही मान रहे हैं कि वायरस की सूचना चाइना ने समय पर नहीं दी। इसलिए आर्टिक्ल में ये भी बताया गया है कि किस तरह चाइना ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को समय पर, खुले तौर पर व पारदर्शी ढंग से जानकारी दी थी।

लेख ने बीजिंग के 34 वर्षीय चिकित्सक ली वेनलियांग के मुद्दे को संभालने की पश्चिमी आलोचनाओं को भी खारिज कर दिया, जिन्होंने वुहान में नए वायरस के प्रकोप पर सबको जानकारी देने की प्रयास की थी। COVID -19 से उनकी मौत ने सारे चाइना में रोष व शोक की लहर पैदा कर दी थी।

कई पश्चिमी रिपोर्टों के विपरीत, मंत्रालय के आर्टिक्ल में बोला गया है कि ली ने वायरस की जानकारी सबसे पहले नहीं दी थी व उन्हें कभी अरैस्ट नहीं किया गया था।

कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर चाइना को बढ़ रहे विरोध का सामना करना पड़ रहा है जिससे संयुक्त प्रदेश अमेरिका के साथ उसके संबंधों में विवाद बढ़ सकता है।

कोरोना वायरस के आने के बाद से चाइना को वैश्विक रूप से आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते अमेरिका  से चाइना के संबंधों में भी खटास आई है।

अब चाइना ने कोरोना वायरस मुद्दे पर प्रमुख अमेरिकी राजनेताओं द्वारा कहे गए 24 झूठों पर एक लंबा-चौड़ा खंडन जारी किया है।

पिछले वर्ष दिसंबर में चाइना के वुहान से ये खतरनाक वायरस निकला था, तब से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प व विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ इसे ‘चीनी वायरस’ या ‘वुहान वायरस’ कह रहे हैं, व इस वैश्विक संकट के लिए पूरी तरह से चाइना को जिम्मेदार ठहरा रहा हैं।

इसे रोकने के लिए, चीनी विदेश मंत्रालय ने अपनी ज्यादातर प्रेस वार्ताओं में अमेरिकी राजनेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज किया है, जिसमें बोला गया कि चाइना ने कोरोना वायरस के बारे में जानकारी नहीं दी थी व ये वायरस वुहान शहर की एक प्रयोगशाला में बनाया गया है।