चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने शुक्रवार को कहा, ‘गलवान घाटी एलएसी पर भारत-चीन सीमा के पश्चिमी सेक्शन पर है और चीन की तरफ स्थित है। पिछले कई वर्षों से चीनी बॉर्डर ट्रूप्स यहां पर पेट्रोलिंग कर रहे हैं और ड्यूटी पर तैनात रहते हैं।’
प्रवक्ता झाओ लिजियान ने एक-एक करके गलवान घाटी में हुई हिंसा के बारे में मीडिया को बताया। उनके बयान को शुक्रवार देर रात भारत स्थित चीनी दूतावास की तरफ से वेबसाइट पर जारी किया गया था।
मंगलवार को पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) की वेस्टर्न कमांड की तरफ से बयान जारी किया गया था। इस बयान में कहा गया था, ‘गलवान नदी घाटी की संप्रभुता हमेशा से हमारी रही है।’
गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव की तरफ से गलवान घाटी पर आए चीनी बयान का खंडन किया गया था। अनुराग श्रीवास्तव ने पीएलए के दावे को ‘बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया अपुष्ट दावा’ करार दिया था।
15 जून सोमवार को गलवान घाटी में भारत और चीनी जवानों के बीच हिंसा हुई थी। सात घंटे तक चले इस टकराव में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे और 76 घायल हो गए थे। 10 भारतीय सैनिकों को चीनी सेना ने बंदी बना लिया था।
चीन ने एक बार फिर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर गलवान घाटी पर अपना दावा किया है। शुक्रवार को चीनी विदेश मंत्रालय की तरफ से हुई डेली मीडिया ब्रीफिंग में प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि कई वर्षों से चीनी सेना के जवान इस हिस्से में गश्त करते आ रहे हैं। यह दावा चीन की तरफ से ऐसे समय किया गया है जब 24 घंटे पहले ही यानी गुरुवार को भारत की तरफ से गलवान घाटी पर चीनी दावे को नकार दिया गया था।