बड़ी संख्या में पाकिस्तानियों ने बिजली बिल में बढ़ोत्तरी को लेकर पीएम इमरान खान से शिकायत की थी। जिसके बाद इमरान खान ने एक कमेटी का गठन कर इसकी जांच के निर्देश दिए थे।
जांच में खुलासा हुआ कि पाकिस्तान में चीन के प्राइवेट बिजली कंपनियों ने जमकर लूट मचा रखी है।बता दें कि चीनी कंपनियों ने चुपके से बिजली के दाम बढ़ाकर पाकिस्तानी नागरिकों के जेब पर डाका डाला है।
बता दें कि 62 करोड़ डॉलर की लागत वाले चीन पाक इकनॉमिक कॉरिडोर के जरिए कई चीनी कंपनियों ने पाकिस्तान में निवेश किया है। जिसमें बिजली की कंपनियां भी शामिल हैं। ये कंपनियां पाकिस्तान के कई इलाकों में बिजली सप्लाई का काम करती हैं।
वहीं सीपीईसी के तहत स्थापित Huaneng Shandong Ruyi (Pak) Energy या साहीवाल और पोर्ट कासिम इलेक्ट्रिक पावर कंपनी लिमिटेड ने चुपचाप अपनी लागत को बढ़ा दिया था।
इससे उपभोक्ताओं को ज्यादा बिजली का बिल देना पड़ रहा था।सैन्य सहायता, परमाणु कार्यक्रम, आर्थिक मदद जैसे क्षेत्र में चीन-पाकिस्तान की दोस्ती जगजाहिर है।
चीन ने पाकिस्तान को कई बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी बचाया है। लेकिन अब लगता है कि चीन पाकिस्तान के लोगों की सहायता के लिए नहीं, बल्कि उनका आर्थिक रूप से उत्पीड़न करने के लिए सहायता कर रहा है।
कमेटी ने अपनी 278 पन्नों की रिपोर्ट में इस घोटाले को उजागर किया है। हालांकि सीपीईसी के अध्यक्ष पाकिस्तानी सेनाप्रमुख जनरल बाजवा हैं इसलिए चीन को सीधे दोष न देते हुए बड़ी नरमी से रिपोर्ट में चीनी कंपनियों के बारे में बताया गया है।
चीन दुनियाभर में पाकिस्तान से अपनी दोस्ती के लिए चर्चा में रहता है. आपको बता दें कि वहीं पाकिस्तान के सदाबहार दोस्त चीन सीपीईसी के जरिए पाकिस्तानियों को जमकर चूना लगा रहा है। प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा गठिए एक कमेटी की रिपोर्ट में चीनी बिजली कंपनियों के लूट का खुलासा हुआ है।