चीन का झूठ आया सामने, कोरोना को बताया…

चीनी इंटरनेट सर्च इंजन बायडू में भी वायरस के दो लक्षण “खांसी” और “डायरिया” जैसे शब्दों की खोज काफी पहले की जा रही थी। चीन में कोरोना वायरस की पुष्टि से पहले ही इन दोनों के सर्च में स्पाइक देखने को मिलता है, जिसके बाद यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है, चीन ने दुनिया से कोरोना को लेकर काफी लंबे समय तक छिपाया।

इसके बाद पता चला कि वुहान के अस्‍पतालों में गर्मियों में और 2019 के आखिरी में अचानक पार्किंगों में कारों की संख्‍या में इजाफा होने लगा था, जोकि काफी कुछ संकेत करते हैं।

प्रोफेसर जॉन ब्राउनस्टीन की टीम ने कार पार्कों के वाणिज्यिक उपग्रह चित्रों का विश्लेषण किया और उन रुझानों का पता लगाया।

ब्राउनस्टीन ने कहा कि दिसंबर के अंत तक चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को इस बारे में सूचित नहीं किया था, जबकि वुहान में बड़े पैमाने पर “सामाजिक व्यवधान” पहले से ही अक्टूबर में हो रहा था, जैसा कि पांच अस्पताल पार्किंग लॉट की तस्वीरों द्वारा दिखाया गया है।

इसमें पता चला है कि कई वुहान अस्पतालों के बाहर खड़ी कारों की संख्या में वृद्धि का संकेत यह दर्शार्ता हैं कि चीन में कोरोना वायरस (कोविड​​-19) का प्रकोप आधिकारिक तौर पर रिपोर्ट किए जाने के महीनों पहले शुरू हो गया था।

दुनिया में कोरोना फैलाने वाले चीन इसको लेकर हमेशा से झूठ बोलता रहा है। लेकिन अब हार्वर्ड मेडिकल स्कूल द्वारा उपग्रह तस्वीरों के अनुसार अध्ययन किए गए में एक बड़ा खुलासा हुआ है।