भारत को घेरने की साजिश रच रहा चीन , भूटान की जमीन पर कर रहा…

चीन भूटान घाटी में चीन 2015 से ही इस हरकत को अंजाम दे रहा है, लेकिन अब उसकी गतिविधियां तेज हो गई हैं। बीजिंग ने 2015 में ऐलान किया था कि वह तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के दक्षिण में ग्यालफुग गांव बसा रहा है।

हालांकि ग्यालफुग भूटान में है और इसे बसाने के लिए चीनी अधिकारियों ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा का अतिक्रमण किया है। चीन ने अक्टूबर 2015 में ऐलान किया कि तिब्बत ऑटोनॉमस रीजन (TAR) में ग्यालाफूग नाम का गांव बसाया गया है।

अप्रैल 2020 में TAR के कम्यूनिस्ट पार्टी सेक्रटरी वू यिंगजी दो पास पार करके नए गांव पहुंचे। इसके बारे में स्थानीय मीडिया में चर्चा हुई लेकिन चीन के बाहर खबर नहीं हुई। तिब्बत में चीन ने कई गांव बनाए हैं लेकिन ग्यालाफूग दरअसल भूटान में है। वू और कई अधिकारी इंटरनैशनल बॉर्डर पार करके गए थे।

अपनी विस्तारवादी नीतियों के चलते चीन की नजर हमेशा दूसरे देशों की जमीन पर रहती है। पाकिस्तान, नेपाल के बाद चीन का अगला शिकार भूटान है। दुनिया जहां कोरोना महामारी से निपटने के लिए जूझ रही है वहीं चीन पराई भूमि को अपना बनाने की कोशिशों में लगा है।

जिस तरह दक्षिण चीन सागर में चीन उकसावे की कार्रवाई करता है वैसे ही वह हिमालय में भी कर रहा है और ऐसा करके वह अपने पड़ोसियों के साथ रिश्ते खतरे में डाल रहा है।

बीजिंग की गिद्ध दृष्टि अब भूटान की जमीन पर है को घेरने के लिए अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए ऐसे इलाके में सड़कों का नेटवर्क, सैन्य चौकियां और गांव बसा रहा है जिसे अंतरराष्ट्रीय और ऐतिहासिक रूप से भूटान का समझा जाता है। जानकारों का मानना है कि चीन की यह हरकत एक तरह से भारत को घेरने की साजिश का हिस्सा है।