पेंगोंग लेक पर चीन बना रहा ये, आसानी से पहुंचा सकेगा भारी हथियार

भारत और चीन के बीच बॉर्डर गतिरोध दो साल से अधिक से बना हुआ है। इस बीच पैंगोंग लेक पर चीन एक और पुल बना रहा है जो कि भारी हथियारों को ले जाने में सक्षम होगा। दी प्रिंट ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि पहले पुल का निर्माण 2021 के आखिरी में शुरू था और पिछले महीने उस पुल का काम खत्म कर लिया गया। पैंगोंग लेक पर चीन जो नया पुल बना रहा है उसके लिए पुराने पुल को सर्विस ब्रिज के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक पहले पुल का इस्तेमाल चीन अपने क्रेन को तैनात करने और अन्य निर्माण इक्विपममेंट्स लाने के लिए कर रहा है। इसके ठीक बगल में एक नया पुल पुराने पुल से बड़ा और चौड़ा बनाया जा रहा है। पिछले करीब 20 दिनों से इस पुल का निर्माण कार्य जारी है। नया पुल दोनों ओर से एकसाथ बनाया जा रहा है।

जब चीन पैंगोंग लेक पर पहला पुल बना रहा था तो सूत्रों ने कहा था कि भारतीय सेना के अगस्त 2020 जैसे ऑपरेशन का मुकाबला करने के लिए चीन पुल बना रहा था। बता दें कि इस ऑपरेशन के तहत भारत ने पैंगोंग लेक के दक्षिणी तट के रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया था। उस वक्त सूत्रों ने बताया था कि पुल का मकसद रुडोक के रास्ते खुर्नक से दक्षिणी तट तक 180 किलोमीटर के लूप को काटना था। आसान भाषा में इसका मतलब यह है कि उस पुल के बनने से खुर्नक से रुडोक तक का रास्ता 40-50 किलोमीटर तक कम हो जाएगा।