जी 7 के विस्तार का विचार भूराजनीतिक गणित पर आधारित है और इसका उद्देश्य चीन की घेरेबंदी करना है। यूएसए हिंदुस्तान को इसमें इसलिए शामिल कराना चाहता है क्योंकि नई दिल्ली न सिर्फ दुनिया की पाचवीं बड़ी इकॉनमी बन गया है.
बल्कि हिंदुस्तान अमेरिका की इंडो-पैसफिक रणनीति का एक महत्वपूर्ण पिलर बन गया है। चीन को इंडो-पैसफिक इलाके में संतुलित करने के लिए अमेरिका बहुत वक्त से हिंदुस्तान की भूमिका बढ़ाने कि कोशिश कर रहा है।
चीनी अखबार ने कहा कि हिंदुस्तान का ट्रम्प की योजना पर सकारात्मक जवाब हैरान करने वाला नहीं है। बड़ी शक्ति बनने की महत्वाकांक्षा रखने वाले हिंदुस्तान की काफी समय से बड़े इंटरनेशनल मंचों पर भागीदारी की मंशा रही है।
सीमा पर हिंदुस्तान और चीन के बीच जारी ताजा तनातनी को देखते हिंदुस्तान संयुक्त राज्य अमेरिका के जी 7 विस्तार के विचार का समर्थन देकर चीन को संदेश भेजना चाहता है।
लद्दाख बॉर्डर पर चल रहे सैन्य तनाव के बीच यूएसए प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प के हिंदुस्तान को जी 7 में शामिल करने की योजना से चीन बुरी तरह बौखला गया है।
चीन के सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स ने एक चीनी विशेषज्ञ के हवाले से कहा कि हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रम्प के जी 7 का विस्तार करके जी 11 या जी 12 किए जाने पर सकारात्मक उत्तर दिया है। चीनी समाचार पत्र ने धमकाने के अंदाज में कहा कि जी 7 के विस्तार में शामिल होने का प्रयास कर हिंदुस्तान आग से खेल रहा है।