अमेरिका पर धावा बोलने की तैयारी में चीन, करने लगा ये काम

चीन को लेकर आशंका जताई जा रही है कि जल्द ही चीनी सेना यहां अपना नेवल बेस बना सकती है। किरिबाती के राष्ट्रपति टेनेटी ममाउ ने हाल मे ही दूसरी बार चुनाव में जीत पाई है। राष्ट्रपति टेनेटी ममाउ घोषित रूप से चीन के समर्थक हैं।

 

कोरोना वायरस और साउथ चाइना सी को लेकर अमेरिका और चीन के बीच तनाव चरम पर है। वहीं, अमेरिका ने घोषणा की है कि वो चीन की किसी भी हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए एशिया में अपनी सेना की संख्या को बढ़ा रहा है। अगर चीन के साथ अमेरिका का तनाव बढ़ता है तो प्रशांत महासागर में स्थिति अमेरिका के सैनिक ठिकाने महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

पेइचिंग यात्रा के दौरान राष्ट्रपति टेनेटी ममाउ और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच एम्बेसी को खोलने को लेकर सहमति बनी थी। कई रिपोर्ट्स के अनुसार, 1.16 लाख की आबादी वाले इस देश को चीन ने अरबों डॉलर का कर्ज भी दिया है।

इसलिए अमेरिका को पहले ही ब्लॉक करने के लिए चीन प्रशांत महासागर में अपना दबदबा बढ़ा रहा है। किरिबाती में अगर चीन ने अपना नेवल बेस बनाया तो ऑस्ट्रेलिया के साथ ड्रैगन के रिश्तों में खासी कड़वाहट देखने को मिल सकती है। बता दें कि किरिबाती अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए ऑस्ट्रेलिया पर निर्भर है।

दुनियाभर को कोरोना जैसी महामारी में उलझा कर चीन अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। जहां पूरी दुनिया के देश इस वैश्विक महामारी के रोकथाम में बिजी है.

तो इस दौरान चीन मौका पाकर प्रशांत महासागर में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण किरिबाती में अपनी एम्बेसी को बनाने की तैयारी कर रहा है।

इस जगह पर अपनी एम्बेसी को शुरू करने के लिए चीन इतनी जल्दीबाजी में था कि उसने वायरस के संक्रमण को खत्म होने का इंतजार भी नहीं किया।