चीन ने इस देश की तरफ गुमाए लड़ाकू विमान, मिसाइलों को ले जाने में…

वहीं PLA के रिटायर्ड नेवल ऑफिसर वॉन्ग युनफेई ने ये कहकर दंग कर दिया कि डोनल्ड ट्रंप दोबारा चुनाव जीतने के लिए चाइना पर हमला कर सकते हैं।

 

जबकि अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने बोला कि ऑस्ट्रेलिया ने भी दक्षिण चीन सागर में चाइना के के दावों को अवैध व नाजायज घोषित किया है।

चीन ने पिछले वर्ष जिस गैर परमाणु बम का परीक्षण किया था व मदर ऑफ ऑल बम करार दिया था, वो बम चाइना ने H-6k जहाज से गिराया था।

व अब चाइना ने साउथ चाइना सी में इन्हीं विमानों यानी H-6G व H-6J बॉम्बर के एक्सरसाइज से अमेरिका को संकेत दिया है कि वो उसके युद्धपोतों पर हमला करने की ताकत रखता है।

H-6K दरअसल शियान एच-6 का एक बहुत बदला हुआ संस्करण है जो एयर-लॉन्च क्रूज मिसाइलों को ले जाने में सक्षम है। H-6K की मारक क्षमता 3,520 किलोमीटर तक बताई जाती है। जिसकी वजह से पूरा साउथ ईस्ट एशिया का क्षेत्र उसकी जद में आता है।

अमेरिका ने साउथ चाइना सी में दो सप्ताह पहले युद्धपोट निमित्ज के साथ एक्सरसाइज किया था जिसका जवाब अब चाइना की तरफ से आया है। चाइना ने H-6G व H-6J ताकतवर बॉम्बर के साथ एक्सरसाइज किया।

क्योंकि चाइना ने अब दक्षिण चीन सागर में अपने सबसे ताकतवर बमवर्षक विमान के साथ युद्धाभ्यास किया है। जबकि अमेरिका ने एक बयान में बोला है कि चाइना के दूतावास जासूसी की गुफाएं हैं।

साउथ चाइना सी (South China Sea) में चाइना (China) व अमेरिका (America) के बीच का तनाव अब तेजी से विवाद की तरफ बढ़ रहा है, ऐसा इसलिए बोला जा रहा है