चीन ने बढ़ाई इस देश की मुश्किले, किया ये काम

नेपाल ने अपने देश का विवादित नक्शा जारी किया है। नए नक्शे में नेपाल ने हिंदुस्तान के तीन इलाकों पर अपना दावा जताया है।

 

ये नक्शा है उत्तराखंड का लिपुलेख, कालापानी व लिंपिया-धुरा। नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने बोला है कि वो तीनों इलाकों को किसी भी मूल्य पर वापस लेकर रहेंगे व अगर हिंदुस्तान इससे नाराज भी हो जाए तो कोई फर्क नहीं पड़ता।

आखिर नेपाल ये सब आखिर कर क्यों रहा है। इसका सीधा सा जवाब है कि चाइना नेपाल को ऐसा करने के लिए उकसा रहा है। ऐसे में सवाल ये कि क्या भारत-नेपाल के बीच ‘टेंशन’ का कोई चाइनीज कनेक्शन है? क्या नेपाल का नया ‘नक्शा’ मेड इन चाइना?

भारत ने नेपाल की इस हरकत का विरोध किया है व बोला है कि ऐसे कोई ऐतिहासिक साक्ष्य नहीं हैं जो ये साबित करते हों कि तीनों इलाकों पर नेपाल का अधिकार है।

दरअसल, चाइना इस वक्त कोरोना की वजह से संसार के निशाने पर है। सारी संसार चाइना से जवाब मांग रही है। अमेरिका व हिंदुस्तान जैसे राष्ट्रों से टकराव करके चाइना संसार का ध्यान बंटाना चाहता है। ऐसे में माना ये जा रहा है कि नेपाल के इस बदले सुर के पीछे कहीं न कहीं चाइना का हाथ है।

सालों से हिंदुस्तान का करीबी मित्र रहे नेपाल ने अब अपने सुर बदल लिए हैं। नेपाल के पीएम ने बोला है कि हिंदुस्तान से आने वाला कोरोना वायरस संक्रमण चाइना व इटली से आने वाले संक्रमण से ‘‘अधिक घातक’’ है।

उन्होंने साथ ही देश में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के लिए हिंदुस्तान से गैरकानूनी ढंग से प्रवेश करने वालों को जिम्मेदार ठहराया।

हिंदुस्तान ने इसका भी माकूल जवाब दिया लेकिन इस बीच हिंदुस्तान के सबसे अच्छे दोस्त माने जाने वाले नेपाल ने अपने सुर बदल लिए हैं।

कोरोना वायरस (Coronavirus) से जूझ रहे हिंदुस्तान पर अम्फान (Amphan) तूफान कहर बनकर टूटा है। देश महामारी व प्राकृतिक आपदा से जूझ ही रहा था कि चाइना ने बॉर्डर पर टेंशन बढ़ा दी।