चाइना ने अब इन इलाको को बताया अपना, तत्काल बुलवाया…

इस बीच, बीजिंग स्थित चाइना की ही एक अन्य प्रमुख इंटरनेट कंपनी ने एक आर्टिक्ल प्रकाशित किया जिसमें बोला गया:  उन क्षेत्रों पर स्थित है जो ऐतिहासिक रूप से चाइना के हैं। ‘ इसने आर्टिक्ल पर 14 अप्रैल को देश के चीनी राजदूत झांग जिओ को तत्काल बुलवाया गया।

मध्य एशियाई राष्ट्रों का चाइना से भारी निवेश मिला है, लेकिन इसने उन्हें चाइना के लिए ‘आर्थिक रूप से कमजोर’ बना दिया है। किर्गिस्तान ने चीनी एक्जिम बैंक से 1.7 बिलियन डॉलर उधार लिए हैं, जो माना जाता है कि देश के कुल विदेशी ऋण का 43 फीसदी है। बात अगर कजाकिस्तान की हो तो इसके ऊर्जा क्षेत्र में चाइना की बड़ी किरदार है।

ये घटनाक्रम तब के हैं जब हफ्ते के अंत में चाइना के CGTN ने माउंट एवरेस्ट की एक तस्वीर ट्वीट करते हुए बोला था कि ‘दुनिया का सबसे ऊंचा शिखर चाइना के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में स्थित है’।

बाद में ट्वीट को हटा दिया गया व एक नया ट्विटर हैंडल से लिखा है गया, जिसमें बोला गया था, ‘दुनिया की सबसे ऊंची चोटी, चीन-नेपाल सीमा पर स्थित है। ‘

दक्षिण चीन सागर के बड़े हिस्से व माउंट एवरेस्ट पर दावा करने के बाद, चाइना (China) की दो वेबसाइट दावा कर रही हैं कि मध्य एशियाई देश किर्गिस्तान व कजाकिस्तान चाइना का भाग रहे हैं।

चीन की एक वेबसाइट  ने हाल ही में एक आर्टिक्ल प्रकाशित किया है, जिसका शीर्षक है ‘स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी किर्गिस्तान चाइना क्यों नहीं लौटा?’ आर्टिक्ल में यह विस्तार से लिखा है कि खान राजवंश के तहत, किर्गिस्तान के 510,000 वर्ग किलोमीटर, जिसका आशय है कि पूरा देश चाइना का भाग था, लेकिन रूसी साम्राज्य ने इस क्षेत्र पर अतिक्रमण कर लिया था। आर्टिक्ल में बताया गया कि मंगोलिया की तरह ही किर्गिस्तान भी चाइना का भाग रहा है।