चीन ने अमेरिका को दिया ये कड़ा जवाब , कहा – तैयार रहो…

बाइडन के पदभार संभालने के बाद यह दोनों देशों के बीच पहली प्रत्यक्ष वार्ता है. इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप की चीन के प्रति कठोर नीति रही थी. ट्रंप के शासनकाल में विश्व की दोनों शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गये थे.

 

प्रधानमंत्री ली ने डिजिटल पत्रकार वार्ता में कहा कि पिछले 40 साल में चीन-अमेरिका के संबंध कई उतार-चढ़ाव से गुजरे हैं लेकिन अवरोधों को पार करते हुए आगे भी बढ़ते रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा शुक्रवार को डिजिटल सम्मेलन में भाग लेंगे.

यह इस चतुष्कोणीय गठबंधन के शीर्ष नेताओं का पहला सम्मेलन होगा. चीन का सरकारी मीडिया इस गठबंधन को अक्सर चीन की प्रगति के खिलाफ दर्शाता है.

चीन के विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य यांग जियेची और चीन के स्टेट काउंसलर तथा विदेश मंत्री वांग यी 18-19 मार्च को अलास्का में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन तथा अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन से रणनीतिक संवाद करेंगे.

चीन की संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) के छह दिन के सत्र के समापन पर वार्षिक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ली ने भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के क्वाड समूह की पहली शिखरवार्ता का उल्लेख नहीं किया और शिनझियांग में उइगर मुस्लिमों के खिलाफ नरसंहार के अमेरिका के आरोपों पर भी कोई जवाब नहीं दिया.

चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग ने अमेरिका के साथ चीन के बढ़ते मनमुटाव को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि दोनों देशों को मतभेदों को सुलझाना चाहिए. जनवरी में राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रभार संभालने के बाद दोनों देशों के शीर्ष राजनयिक अगले सप्ताह पहली सामरिक वार्ता करेंगे.