चीन को लगा इस देश से डर , किसी भी समय कर सकता हमला

विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने इस सम्मेलन को लेकर कहा कि ‘क्वॉड टीका पहल’ सबसे ज्यादा जरूरी और मूल्यवान है. क्वॉड राष्ट्रों ने अपने वित्तीय संसाधनों, विनिर्माण क्षमताओं और साजो-सामान(लॉजिस्टिकल) क्षमता को साझा करने की योजना पर सहमति व्यक्त की है. क्वॉड टीका पहल का उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कोविड-19 टीकों के विनिर्माण और वितरण में तेजी लाना है, जिससे सबकी मदद की जा सके.

 

विदेश सचिव ने आगे कहा कि इंडो पेसिफिक रीजन को लेकर भी बात हुई है. लेकिन क्या बात हुई है और किस तरह की बातचीत हुई है इस बारे में मैं यहां कुछ भी नहीं बता सकता हूं. क्योंकि यह पूरी तरह गोपनीय मामला है. सभी देशों ने इस क्षेत्र को लेकर अपनी स्पष्ट राय रखी है.

सम्मेलन में चारों नेताओं ने अपने क्षेत्रीय मुद्दों के अलावा कोरोना और जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक समस्याओं पर भी बात की. इसके अलावा चारों देशों के नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई है कि 21वीं सदी में दुनिया का भविष्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र तय करेगा. जापान के पीएम योशिहिडे सुगा ने भी कई बार भारत का नाम लेते हुए उसे हिंद-प्रशांत क्षेत्र की बड़ी ताकत बताया.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी भारत की बढ़ती ताकत की तारीफ की है. बाइडेन ने कहा है कि क्वॉड के सदस्य देश कोरोना वायरस वैक्सीन निर्माण के लिए आपसी सहयोग बढ़ाएंगे. Quad सम्मेलन में इस बात पर सहमति बनी है कि भारत में कोरोना वैक्सीन का निर्माण होगा और वैक्सीन निर्माण के लिए अमेरिका और जापान, भारत को फंड देंगे.

QUAD देशों के शीर्ष नेताओं का पहला शिखर सम्मेलन शुक्रवार को हुआ. इस वर्चुअल सम्मेलन में पीएम मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के अलावा जापान और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्रियों ने भी हिस्सा लिया.

इसमें कोरोना वैक्सीन और जलवायु परिवर्तन समेत कई कूटनीतिक विषयों पर चर्चा हुई. लेकिन इस QUAD सम्मेलन से चीन को चिढ़ मची हुई है.

ये पहला मौका है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडेन एक साथ मंच पर दिखे. इनके अलावा ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा भी QUAD के इस वर्चुअल सम्मेलन में शामिल हुए.