गरीबी हटाने के लिए चीन कर रहा ये काम , अरबपतियों से जबरन…करवाया जा रहा…

विश्लेषकों का मानना है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) और राजनीतिक पर मजबूत पकड़ रखने वाले आर्थिक असमानता को खतरे की घंटी के रूप में देख रहे हैं. ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ व्याख्याता टॉम क्लिफ ने कहा कि मुझे लगता है कि आय में असमानता अभिजात वर्ग के लिए बड़ी चिंता है.

उन्होंने कहा कि राजनेताओं को सबसे बड़ी चिंता आय में असमानता को लेकर है. शायद इस वजह से सरकार को इस तरह के कदम उठाने पड़ रहे हैं. क्लिफ ने चीन में व्यावसायिक अभिजात वर्ग का अध्ययन किया है.

खाद्य वितरण की दिग्गज कंपनी मीटुआन के अध्यक्ष और संस्थापक वांग जिंग ने वैज्ञानिक अनुसंधान और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शेयरों में लगभग 2.70 अरब डॉलर (201 अरब रुपये) का दान दिया.

इसके अलावा ई-कॉमर्स के दिग्गज पिंडुओडुओ के संस्थापक कॉलिन हुआंग ने कंपनी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद एक शैक्षिक कोष में लगभग 1.85 अरब डॉलर (138 अरब रुपये)का दान दिया.

इस साल की शुरुआत में मीडिया घरेलू उपकरणों के दिग्ग्ज केहे जियांगजियान और एवरग्रांडे रियल एस्टेट के जू जियान ने गरीबी उन्मूलन, चिकित्सा देखभाल और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए क्रमशः 97 करोड़ डॉलर और 37 करोड़ डॉलर से अधिक का दान दिया. टिकटॉक (बाइटडांस) के संस्थापक झांग यिमिंग जैसे अरबपति ने फुजियान प्रांत में अपने गृहनगर लोंगयान को शिक्षा के लिए लगभग 7.70 करोड़ डॉलर(5.74 अरब रुपये) दिया.

चीन में सरकार अरबपतियों (Billionaires) को जबरन दबाव डालकर उनसे दान या उपहार दिलवा रही है. इसके पीछे सरकार का मकसद है देश में आर्थिक असमानता को हटाना. बता दें, चीन (China) में कुछ समय से अरबपतियों की संख्या में बहुत तेजी से इजाफा हुआ है. और देश में गरीबी को कम करने के लिए चीनी सरकार ने ये हथकंडा अपनाया है.

इस मामले में चीन ने दुनिया के सबसे ताकतवर और आर्थिक रूप समृद्ध देश अमेरिका को भी पीछे छोड़ दिया है. हएक खबर के मुताबिक, चीन में अरबपतियों से दान दिलवाने का ये सिलसिला कुछ महीने पहले से शुरू हुआ है.