चीन कर रहा ये बड़ी तैयारी, इस देश पर हमले की…

यह अभियान 1940 की शुरुआत में चले सुधार अभियान की तरह है. उस समय कम्युनिस्ट पार्टी के तत्कालीन नेता माओ ने नियंत्रण स्थापित करने के लिए व्यापक सफाई अभियान चलाया था. ये अहम है कि चीन में 1990 के बाद ऐसे ही एक और अभियान की जरूरत बताई जा रही थी.

साथ ही सरकार नियंत्रित मीडिया ने इसे 1990 के बाद घरेलू सिक्योरिटी सिस्टम में चलाया जाने वाला सबसे बड़ा अभियान बताया है. इसके जरिये पुलिस, सीक्रेट पुलिस, न्यायपालिका और जेलों में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ये एजेंसियां पूरी तरह वफादार, खरी और विश्वसनीय हैं.

चीन के अख़बार अक्सर पार्टी की बैठकों में दिए गए शी जिनपिंग के भाषणों की बातों का हवाला देते रहते हैं. यही नहीं, पार्टी के बड़े नेताओं से कहा जा रहा है कि वो कम्युनिस्ट पार्टी का इतिहास और लोगों के बराबर संपर्क में रहें.

दरअसल, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का कार्यकाल 2023 में खत्म हो रहा है. वह 8 साल से सत्ता में हैं. ऐसे में उन्होंने सत्ता पर पकड़ बनाए रखने के लिए ‘शुद्धिकरण अभियान’ छेड़ दिया है.

27 फरवरी को कम्युनिस्ट पार्टी ने ऐलान किया कि वह बहुप्रतीक्षित शुद्धिकरण अभियान छेड़ेगी. इसमें कम्युनिस्ट पार्टी और शीर्ष नेता शी जिनपिंग के प्रति वफादारी नहीं रखने वाले लोगों की पहचान की जाएगी.

चीन में आम तौर पर लोग मानते हैं कि सत्ता के शिखर पर बैठे लोगों का जनता से कोई सरोकार नहीं है. राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) इस सोच को बदलना चाहते हैं. इसके लिए वो माओ जैसी सुधार मुहिम चला रहे हैं.

जिनपिंग वरिष्ठ अधिकारियों से अपील कर रहे हैं कि चीनी राजनीति की गंदी दुनिया को साफ़ कर उसका शुद्धिकरण (Purification Campaign) किया जाए.

ये काम आसान नहीं है. लगभग हर हफ़्ते नए घपले सामने आ रहे हैं, जिनसे सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी (Communist Party) और आम लोगों के बीच खाई बढ़ती जा रही है.