चीन को लेकर सामने आया ये बड़ा सच, भारतीय सैनिको को बना लिया था…

जिन सैनिकों को चीन ने रिहा किया है उसमें एक लेफ्टिनेंट कर्नल और तीन मेजर रैंक के ऑफिसर भी शामिल हैं। इन सैनिकों को गुरुवार शाम करीब पांच बजे रिहा किया गया है।

 

बताया है कि किसी भी सैनि‍क को चीन ने कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है। सेना ने यह भी कहा है कि जवानों के पास हथियार थे और वो बिना हथियार के पेट्रोलिंग नहीं कर रहे थे।

इन सैनिकों की रिहाई के बाद आज भारत और चीन की सेना के बीच एक और दौर की मेजर जनरल स्‍तर की वार्ता होनी है। सेना ने कहा है कि 15 दिनों के बाद हिंसा में घायल जवान ड्यूटी ज्‍वॉइन कर लेंगे।

सेना की तरफ से आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि कर दी गई है कि सभी सैनिक पूरे हैं और कोई भी गायब नहीं है। सेना सूत्रों की ओर से बताया गया है कि कोई भी सैनिक अब नाजुक हालत में नहीं है और सभी की हालत स्थिर है।

18 सैनिक लेह स्थित आर्मी हॉस्पिटल में हैं और अगले 15 दिनों में ड्यूटी ज्‍वॉइन कर लेंगे। 58 सैनिक अलग-अलग अस्‍पतालों में भर्ती हैं। ये भी अगले एक हफ्ते में ड्यूटी पर लौट आएंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा है कि 15 जून को जो हमला हुआ है उसमें हर भारतीय जवान के पास हथियार थे।

चीन की पीपुल्‍स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) ने इंडियन आर्मी के उन 10 सैनिकों को रिहा कर दिया जिन्‍हें 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसा के बाद उसने पकड़ लिया था। सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इन सैनिकों को गुरुवार रात रिहा किया गया है।

सोमवार को गलवान घाटी (पेट्रोलिंग प्‍वाइंट 14) पर हुए हिंसक टकराव में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए हैं। जबकि कुछ सैनिकों को चीन ने बंदी बना लिया था। सेना की तरफ से गुरुवार को कहा गया था कि कोई भी सैनिक गायब नहीं है।