केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने दिल्ली-एनसीआर के सभी स्कूलों को शुक्रवार तक बंद रखने की सिफारिश की थी.
इसकी वजह थी दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की बेहद बेकार स्थिति. नोएडा में तो दशा दिल्ली से भी भयावह हैं. ऐसे में गुरुवार 14 नवंबर को बाल दिवस होने के बावजूद स्कूली बच्चों घरों में कैद होकर रह गए.
गुरुवार प्रातः काल 11:30 बजे दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 454 रहा, वहीं, फरीदाबाद में 436, गाजियाबाद में 468, ग्रेटर नोएडा में 459, गुड़गांव में 450 व नोएडा में 469 रहा. वायु प्रदूषण गुणवत्ता सूचकांक के मुताबिक, वायु की गुणवत्ता का स्तर 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बेहद खराब, 401 से 500 के बीच गंभीर व 500 से ऊपर गंभीरतम श्रेणी में माना जाता है.
नोएडा सेक्टर 11 में खुला स्कूल, बंद कराना पड़ा
प्रदूषण की बेकार स्थिति देख जिलाधिकारी ने सभी स्कूल बंद करने के आदेश दिए थे. हालांकि इसके बावजूद नोएडा के सेक्टर 11 में मॉर्डन स्कूल बाल दिवस मौके पर खोला गया. इस दौरान किसी भी बच्चे के चेहरे पर मास्क नहीं था. यही नहीं वहां पर छोटे-छोटे बच्चों से आउटडोर एक्टिविटी भी कराई गई. हालांकि टकराव होने पर प्रबंधन को स्कूल बंद करना पड़ा. स्कूल के एक शिक्षक ने बोला कि स्कूल खोलने का निर्णय मैनेजमेंट का था.
बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने दिल्ली-एनसीआर के सभी स्कूलों को शुक्रवार तक बंद रखने की सिफारिश की है. साथ ही हॉट मिक्स प्लांट, स्टोन क्रशर समेत कोयले से चलने वाली फैक्ट्रियां भी बंद रहेंगी.