छत्तीसगढ़: गांव-गांव तक पहुंच रही शासन की सेवाएं, हर छात्र को निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही…

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अंदरुनी गांवों तक शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने लिए अपनाई गई कैंप-स्ट्रेटजी काफी कारगर साबित हो रही है। बस्तर संभाग में सात जिले हैं।

ये सातों जिले देश के आकांक्षी जिलों की सूची में शामिल हैं। जनजातीय बहुलता वाले सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, कोंडागांव, बस्तर (जगदलपुर) और कांकेर जिलों में भौगोलिक जटिलताओं और नक्सल गतिविधियों के कारण अंदरुनी गांवों तक सुविधाओं की पहुंच हमेशा चुनौती रही है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार ने संभाग के विकास के लिए परंपरागत तौर-तरीकों से हटकर स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार कैंप-स्ट्रेटजी अपनाने का फैसला किया। शासन की यह नयी स्ट्रेटजी विकास, विश्वास और सुरक्षा के सिद्धांत पर आधारित है।

नक्सल प्रभावित अंदरुनी क्षेत्रों में सुरक्षा का वातावरण सुनिश्चित करने के लिए जगह-जगह सुरक्षा-बलों के कैंप स्थापित किए गए। इन सुरक्षा-कैपों की वजह से जनसुविधाओं से संबंधित अन्य कैंपों के लिए रास्ता खुल गया।

मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना के मोबाइल क्लीनिकों के माध्यम से अब अंदरुनी क्षेत्रों के हाट-बाजारों में भी मेडिकल-कैंप लगने शुरु हो गए हैं, जहां निशुल्क जांच, उपचार और दवाइयों की सुविधा ग्रामीणों को मिलने लगी है।

अंदरुनी क्षेत्रों में नक्सल उत्पात के कारण बंद पड़े सैकड़ों स्कूलों को दोबारा शुरु करने में कामयाबी मिली है। हिंदी माध्यम के इन परंपरागत स्कूलों में स्थानीय बोलियों में पढ़ाई शुरू होने के साथ-साथ जगह-जगह अंग्रेजी माध्यम स्कूल भी शुरू हो चुके हैं। इन अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का संचालन स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल योजना के तहत किया जा रहा है, जिनमें निजी स्कूलों जैसी सुविधाओं के साथ हर छात्र को निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है।

सुकमा जिले के इन संवेदनशील क्षेत्रों के ग्रामीणों को विभिन्न तरह की सुविधाएं मुहैया कराने के लिए ग्राम सारकेगुड़ा में सुविधा शिविर का आयोजन किया गया।

शिविर स्थल तक ग्रामीणों को आने-जाने में परेशानी न हो, इसके लिए प्रशासन द्वारा वाहन की व्यवस्था भी की गई थी। ग्राम मिनपा और सिलगेर के ग्रामीणों ने प्रशासन को अपनी समस्याओं से अवगत कराया था, जिनके त्वरित निराकरण के लिए इन क्षेत्रों में सुविधा-शिविर लगाया जा रहा है। आने वाले दिनों अन्य गांवों में भी ऐसे ही शिविरों का आयोजन किया जाएगा।

वर्षों से सुविधाओं से वंचित छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में अब शासन की सेवाएं शिविरों के माध्यम से गांव-गांव तक पहुंच रही हैं। आधार कार्ड, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड और पेंशन प्रकरणों के निराकरण के लिए सुविधा-शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।

सुकमा जिले के संवेदनशील क्षेत्र सिलेगर, मिनापा, सारकेगुड़ा में ऐसे ही शिविर का लाभ उठाने के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। ग्रामीणों के उत्साह को देखते हुए प्रशासन को शिविर की निर्धारित अवधि में बढ़ोतरी करनी पड़ी।