चैत्र नवरात्रि 2021 : जाने पूजा करने का शुभ मुहूर्त, इस तरह करे कलश स्थापना

चौघड़िया के अनुसार भी घट स्थापना के तीन मुहूर्त बहुत अच्छे हैं। प्रातः 9:11 से और अपराहन 2:56 तक चर,लाभ और अमृत के चौघड़िया रहेंगे जो घट स्थापना के लिए अति उत्तम हैं।

इस दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए। फिर स्नानादि कर साफा वस्त्र पहन लें। इसके बाद मंदिर को अच्छे से साफ करें और एक लकड़ी का पाटा लें और उसपर लाल या सफेद रंग का कपड़ा बिछाएं।

कपड़े पर चावल रखकर मिट्टी के बर्तन में जौ बो दें। इसी बर्तन के ऊपर जल का कलश रखें। इस कलश में स्वास्तिक बनाएं। फिर कलावा बांध दें। कलश में सुपाड़ी, सिक्का और अक्षत अवश्य डालें।

कलश पर अशोक के पत्ते रखें। साथ ही एक नारियल को चुनरी से लपेट कर कलावा बांध दें। फिर मां दुर्गा का आव्हान करें और दीप जलाकर कलश की पूजा करें।

कलश स्थापना मुहूर्त: 13 अप्रैल 2021 मेष लग्न (चर लग्न) :- प्रातः 6:02 से 7:38 बजे तक वृषभ लग्न (स्थिर लग्न) :- प्रातः 7:38 से 9:34 बजे तक अभिजित मुहूर्त :- मध्यान्ह 11:56 से 12:47 बजे तक सिंह लग्न (स्थिर लग्न) :- अपराहन 14:07 से 16:25 बजे तक

भारत में नवरात्रि मुख्य रूप से दो बार मनाई जाती है। एक शारदीय नवरात्रि जो नवंबर के महीने में आती है। इस नवरात्रि में महाअष्टमी और महानवमी का त्यौहार आता है।

वहीं, एक चैत्र नवरात्रि जो मार्च या अप्रैल के महीने में मनाई जाती है। चैत्र नवरात्रि में राम नवमी का पर्व आता है। दोनों ही नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है।

चैत्र नवरात्रि में हम मां दुर्गा की मूर्तियां भले ही न बैठाते हों लेकिन विधान के अनुसार, हम उनकी पूरे श्रद्धा के साथ पूजा करते हैं। इस बार चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल को शुरू हो रही है।

यह 21 अप्रैल तक रहेगी। नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जाती है। घट यानि कलश, इसे विष्णु जी का अवतार माना जाता है। ऐसे में इसका महत्व अत्याधिक है। तो आइए जानते हैं इसलिए इसका बड़ा महत्व होता है। आइए जानते हैं कलश स्थापना मुहूर्त और पूजन विधि।